इस दौरान मुंह से शराब की बदबू आने पर ब्रैथ एनालाइजर मशीन से जांच किया गया। जिसमें काफी मात्रा में शराब पीने की पुष्टि हुई। जिसके बाद थाना लाकर उत्पाद अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जेल भेज दिया। मालूम हो कि शिक्षक दीनदयाल सरदार शराब कारोबार, शराब पीने में कई बार जेल जा चुके हैं। इन्हें कुल मिलाकर शराबबंदी के बाद 4 बार जेल भेजा गया है। मालूम हो कि शिक्षकों के शराब के नशे में गिरफ्तार होने या फिर इस धंधे में शामिल रहने की यह पहली घटना नहीं है। लेकिन विभागीय अधिकारियों के द्धारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है।
बोले अभिभावक-संस्कारहीन शिक्षक बच्चों को कैसे दे पाएंगे अच्छे संस्कार
शराबी शिक्षक के पकड़े जाने के बाद जब अभिभावकों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य को संवारने का जिम्मा एक शिक्षक पर होता हैं। यदि शिक्षक ही नशा का सेवन करें और नशे की हालत में स्कूल आए, तो स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। इससे बच्चों पर गलत असर पड़ेगा। बच्चे को उच्च शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार दिलवाने के लिए हमलोग उसे स्कूल भेजते हैं। लेकिन जब गुरुजी हीं संस्कारहीन होंगे तो वे बच्चों को क्या अच्छे शिक्षा व संस्कार देंगे। देश का भविष्य गढ़ने की जिम्मेदारी इन शिक्षकों पर होती हैं। इस बाबत डीपीओ सह प्रभारी बीईओ अभिषेक कुमार ने बताया कि जानकारी मिली है जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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