चिकित्सा शिविर में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. संजय कुमार ने कहा कि जैसे हमारे देश में राष्ट्रपति का स्थान सबसे ऊंचा है ऐसे ही हमारे शरीर के अंगों में आंख का विशिष्ट स्थान है. ईश्वर प्रदत्त नेत्र को हम बदल तो नहीं सकते हैं पर इसकी देखभाल कर, समय रहते इलाज कर बचा तो सकते हैं. आगे उन्होंने कहा कि कुछ जागरुकता आम लोगों तक फैलाने से बहुत से रोगों से बचा जा सकता है. बहुतों को अंधत्व तक जाने से रोका जा सकता है. यह शिविर उसी का एक लघु प्रयास है.
कार्यक्रम संयोजक ई. विक्रम कुमार ने कहा कि चिकित्सा शिविर में दो सौ छात्र-छात्राओं सहित मौजूद शिक्षकों का नेत्र परीक्षण किया गया. उसे आवश्यकतानुसार दवाई और परामर्श दिया गया. स्वस्थ आँखो की उचित देखभाल के बारे में भी बताया गया.
कार्यक्रम का संचालन करते हुए शिक्षक दिनेश कुमार यादव ने कहा कि पूज्य बालकृष्ण बाबू एक कर्तव्यपरायण शिक्षक थे. निजी जीवन में भी वे लोकहित के लिए हर समय तत्पर रहते थे. प्रधानाध्यापिका रंजना कुमारी ने कहा कि हमलोग अपने अनुभव संसार का 80%भाग आंख के जरिए तैयार कर पाते हैं. यही तथ्य आँख की अहमियत समझने के लिए काफी है. इस तरह के चिकित्सा शिविर के आयोजन के लिए संस्था सदस्यों को धन्यवाद देती हूं.
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिकाएं सरिता कुमारी, सरोजा राय, विनिता कुमारी, गणेश कुमार, सगुप्ता सन्नोवर, सबिता प्रवीण, अनुराधा कुमारी, सुनीता कुमारी, मिताली मजुमदार, फैसल इस्लाम सहित ग्रामीण मौजूद थे.
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