छात्रनेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय में अराजकता का माहौल है । बीएनएमयू कुलपति तानाशाही पर उतारू है । छात्रों की आवाज को लगातार विश्वविद्यालय में दबाया जा रहा है। विश्वविद्यालय में अधिकारी मनमानी कर रहे हैं और बिचौलियों और दलालों का दबदबा कायम हो चुका है । छात्रों का शोषण चरम पर है । छात्रनेताओं ने कहा कि बीएनएमयू कुलपति से छात्रों के मुलाकात पर रोक तुगलकी फरमान और तानाशाही है। जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। कुलपति से छात्रों को मिलने से रोक जाने के कारण छात्रों का शोषण और अवैध उगाही चरम पर है। अधिकारी और कर्मचारी मनमानी कर रहे है । वहीं पैट 2021 के कोर्स वर्क का समय पूरा होने के बावजूद परीक्षा प्रपत्र नही भराया जाना विश्विद्यालय का छात्रों के भविष्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है ।
छात्रनेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय के अस्मिता को दागदार करने के वाले कई कुकर्म सामने आते हैं लेकिन बीएनएमयू कुलपति की चुप्पी भ्रष्ट अधिकारियों के मनोबल को बढ़ा रही है । जिस प्रकार से जुलोजी विभाग में थीसिस पर सुपरवाइजर का फर्जी हस्ताक्षर का मामला प्रकाश में आया है और इसकी जानकारी बीएनएमयू कुलपति को होने के बावजूद अभी तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होना साफ दर्शाता है कि दोषियों को बीएनएमयू कुलपति का संरक्षण मिल रहा है। वहीँ मूल प्रमाण पत्र विभाग में बड़ी संख्या पर छात्रों का काम लंबे समय से पेंडिंग है लेकिन इनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। छात्र अपनी समस्याओं को लेकर दर दर भटक रहे हैं लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन संवेदनहीन बनी हुई है ।
प्रदर्शन में मुख्य रूप से एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव, छात्र जाप जिलाध्यक्ष रौशन कुमार बिट्टू, छात्र जदयू विश्वविद्यालय अध्यक्ष निखिल सिंह यादव, आइसा जिला सचिव पावेल कुमार, जाप के प्रदेश महासचिव अमन कुमार रितेश, रामप्रवेश यादव, राजू कुमार मन्नू, सामंत यादव, छात्र जदयू विश्वविद्यालय महासचिव सनोज कुमार, कृष्ण गुप्ता, सुधीर कुमार, अंकित आनंद, आइसा जिलाध्यक्ष सन्नी कुमार, कृष्णा कुमार, राजकिशोर कुमार, एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र कुमार, जिला सचिव सोनू कुमार, नीतीश कुमार, धीरज कुमार, डुलेन कुमार, प्रवीण यादव, दिलखुश कुमार, अनिल कुमार, मो सलाम , पिंटू कुमार, सिद्धू कुमार, जितेंद्र कुमार, कोमल कुमार, राजकिशोर कुमार, सुमन कुमार भारती, रणवीर कुमार, विकाश कुमार, नवीन कुमार समेत दर्जनों छात्रनेता मौजूद थे ।

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