दरअसल मधेपुरा में नए कारा मंडल भवन की निर्माण को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा जमीन चिन्हित कर ली गई है. नए कारा मंडल भवन सदर प्रखंड अंतर्गत बुधमा स्थित सहरसा/पूर्णियां एनएच 107 के बगल में 20 एकड़ चिन्हित जमीन पर निर्माण होगा. संभावना व्यक्त की जा रही है कि जल्द ही उक्त चिन्हित जमीन का अधिग्रहण कर भवन निर्माण कार्य प्रारंभ होगा.
वहीं आज इस मामले को लेकर एमपी कॉलेज ऑफ एजुकेशन परिसर से सटे चिन्हित जमीन के लिए सामाजिक प्रभाव आकलन हेतु लोक सुनवाई का आयोजन किया गया. जहां लोक सुनवाई में चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान, पटना के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिसमें सामाजिक प्रभाव आकलन अध्ययन से संबंधित प्राप्त प्रारूप के प्रतिवेदन पर चर्चा भी की गई. इस दौरान अधिकांश रैयतों ने गांव में कारा मंडल भवन बनने पर अपनी खुशी भी जाहिर की.
मधेपुरा में नया कारा मंडल भवन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के सामाजिक प्रभाव आकलन परियोजना से प्रभावित होने वाले 33 परिवार हैं, जिन्होंने बताया कि बेहतर नागरिक सुविधा की वजह से परियोजना से महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ प्राप्त होंगे . एसआईए टीम द्वारा किए गए लोक परामर्श में ग्रामीणों को अपनी जमीन देने में कोई एतराज नहीं है, बशर्ते कि समय पर मुआवजा दे दिया जाए. ज्यादातर प्रतिवादियों ने गांव में मुआवजा शिविर लगाकर मौजूदा दर मुआवजे की राशि त्वरित भुगतान की आवश्यकता पर बल दिया. वहीं बुधमा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि पवन कुमार ने कहा कि यह पिछड़ा इलाका है, यहां कारा मंडल भवन बनने से क्षेत्र का विकास होगा, साथ ही रोजगार का नया सृजन भी होगा, इससे लोगों में काफी खुशी है.
बता दें कि मधेपुरा को सन 1845 में अनुमंडल बनाया गया था तब ये भागलपुर जिले में पड़ता था और उत्तरी भागलपुर का इलाका कहलाता था. मधेपुरा जिला की स्थापना 9 मई 1981 को हुई, किंतु आज तक अंग्रेजों के बनाए हुए अनुमंडल कारागार ही है जहां क्षमता से अत्यधिक कैदियों को रखा जाता है, जिससे काफी परेशानी होती है. अब जिला कारागार के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है. जेल अधीक्षक अमर शक्ति की माने तो अभी जिला मुख्यालय में जेल स्थापित है और वह बहुत पुराना और छोटा जेल है, जहां जेल में क्षमता से लगभग तीन गुना अधिक बंदी को रखा जाता है, जिससे बहुत परेशानियां आती है. उन्होंने बताया कि इसके लिए 2021 में ही बुधमा में जमीन चिन्हित किया गया था,अब धरातल पर जेल भवन निर्माण होना सुनिश्चित है.
वहीं इस मामले लेकर जिला भू अर्जन पदाधिकारी ब्रजेश कुमार ने बताया कि यहां सोसल असेसमेंट टीम गठित की गई थी जो स्थानीय किसानों से विचार विमर्श हेतु बैठक यानी लोक सुनवाई कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें किसानों से राय ली गई. किसी भी किसान को कोई आपत्ति नहीं है. अब जमीन अधिग्रहण हेतु आगे की प्रक्रिया की जाएगी और बहुत जल्द कारा मंडल भवन निर्माण की प्रकिया आरम्भ की जायेगी.

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