कुलपति से वार्ता में छात्र नेताओं ने कहा कि कोसी सीमांचल बिहार का सबसे पिछड़ा इलाका है, जिसमें गरीब, किसान, मजदूर के बच्चे पढ़ाई करते हैं। इसलिए विश्वविद्यालय अपने स्तर से मेधावी शोधार्थियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाय। ताकि यहां आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे भी बिना किसी आर्थिक रुकावट के शोध कार्य पूरा कर सके । उन्होंने कहा कि अन्य विश्वविद्यालय द्वारा इस तरह का सकारात्मक पहल किया गया है । लेकिन वर्षों से बीएनएमयू में लगातार छात्र संगठनों ने शोधार्थियों के लिए प्रोत्साहन राशि दिए जाने की मांग उठाया है। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार छात्रों की मांग को नजरंदाज करते आई है ।
छात्र नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अगर छात्रों की मांग पर इसी तरह संविदानहीन बनी रही तो संयुक्त छात्र संगठन आंदोलन को बाध्य होगी । बताया गया कि छात्र नेताओं से वार्ता में कुलपति ने मांग को जायज बताया और शोधार्थियों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने के मुद्दों को अंतरिम बजट में शामिल करने की बात कही ।
प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव, एआईएसएफ जिलाध्यक्ष वसीमुद्दीन उर्फ नन्हे, आइसा राज्य उपाध्यक्ष नीरज यादव, जदयू विश्वविद्यालय अध्यक्ष निखिल सिंह यादव, आइसा जिला सचिव पावेल कुमार, एआईएसएफ नेता प्रभात रंजन, एनएसयूआई छात्र नेता रंजित कुमार, जदयू महासचिव सनोज कुमार, शिवम सिंघानिया आदि उपस्थित थे ।

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