प्रखंड परिसर में दुर्गा मंच पर बनाए गए विशाल मंच से विभिन्न साधु संतों के मुखारविंद से निकले प्रवचन को सुनकर संत के अनुयाई अहारीत हो उठे. इस महान ज्ञान यज्ञ में स्वामी श्री गुरु नंदन जी महाराज के द्वारा संतमत अनुदयों को कई संदेश दिए जा रहे हैं. उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि सभी ग्रंथों का सार  वेद है. साथ ही कहा कि यह महाविराट आयोजन एकमात्र संतों का ज्ञान सुनने के उद्देश्य से किया गया है क्योंकि इसके अभाव में देश में कुछ बाधाएं आती है. वर्तमान परिवेश में संतों के ज्ञान को सुनना समझना और अपने जीवन में आत्मसात करना महत्वपूर्ण है. 
वहीं उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर सत्संग का आयोजन किया जाता है वह स्थान पवित्र हो जाता है. वहीं जो भक्त सत्संग में भाग लेते हैं वे भवसागर को पार कर जाते हैं. ईश्वर ने मानव रूपी शरीर दिया है. यह मानव शरीर पूर्व जन्मों की कठिन तपस्या से प्राप्त होता है. मानव को अपना जीवन व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए. अपने दैनिक कार्यों में लीन रहते हुए समय निकालकर भगवत भजन में शामिल होना चाहिए ताकि मन को शांति व आत्मीय सुख प्राप्त हो सके. संत्संग के द्वारा संतों के शरण में आकर मनुष्य को ईश्वर तक पहुंचने का अवसर प्राप्त होता है. इसलिए मुनष्य को सत्संग में शामिल होकर आध्यात्मीय लाभ उठाना चाहिए. संतो के दिखाये मार्ग पर चलकर सदगुरु महाराज की स्तुति करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती है.
 
        Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
        on 
        
February 12, 2024
 
        Rating: 


No comments: