इसी कड़ी में मधेपुरा के दो संतो को भी आमंत्रित किया गया है. जिनमें एक मुरलीगंज प्रखंड के हरिपुर कला पंचायत के निवासी नारायण दास जी महाराज हैं. वहीं आमंत्रण पत्र पाकर खुशी से फूले नहीं समा रहे संत नारायण दास जी महाराज ने कहा कि अति सौभाग्य की बात है कि इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनने का हमें अवसर प्राप्त हुआ है.
ग़ौरतलब हो कि नारायण दास जी पूर्व से ही संघ से जुड़े हुए हैं और शिला पूजन समिति राम मंदिर शिला पूजन के प्रखंड समन्वयक के साथ ही इन्होंने विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री का पदभार ग्रहण कर उसे सुशोभित किया है. गौ रक्षा के प्रांत प्रमुख के रूप में भी इन्होंने अपना योगदान दिया है. विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य के रूप में इन्होंने कार्यभार संभाला है. अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है.
वहीं उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है, साथ ही जिले के वासी के लिए भी बड़े सौभाग्य की बात है. इस महायज्ञ में जाना सबके लिए नसीब नहीं होता है, वहां हमें मधेपुरा जिले की ओर से इस महायज्ञ में सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. यह मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड के लोगों के लिए भी सौभाग्य की बात है.
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि यह एक लंबी कहानी है जब विवादित ढांचा गिराया गया था, उस समय मैं भी वहां मौजूद था. उस दौरान मैं देवरिया जेल में था जहां आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के तमाम कार्यकर्ताओं से हमारी मुलाकात हुई थी.

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