सावन की अंतिम सोमवार को लेकर भीड़ होने की संभावना तो थी। लेकिन इस तरह अद्भुत भीड़ की उम्मीद किसी को नहीं थी। हालांकि रात 1 बजे से ही एसडीओ धीरज कुमार सिन्हा और डीएसपी अजय नारायण यादव ने मोर्चा संभाल लिया था। लेकिन श्रद्धालुओं के अचानक बढ़ते भीड़ के कारण कुछ देर के लिए श्रद्धालुओं को संभालना मुश्किल हो गया। लेकिन बाद में श्रद्धालुओं की कतार को मंदिर खाली जगह मवेशी हाट की तरफ मोड़ दिया गया। जिसके बाद लाईन काफी लंबी होती चली गई और भीड़ को भी नियंत्रित किया जा सका। भीड़ का अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि सुबह 5 बजे सिंहेश्वर के पेट्रोल पंप से लेकर दुर्गा चौक तक दोनों तरफ दुकान के आगे 1 किलोमीटर तक बाईक लगी थी। पार्किंग स्थल पूरी तरह भरने के बाद मवेशी हाट का इस्तेमाल किया गया जहा भी जगह कम पड़ता दिखा।
सावन की अंतिम सोमवार की भीड़ में कई श्रद्धालुओं के सामान चोरी हो गए तो कई के भीड़ में गिर गया। जिसमें आधा दर्जन मोबाइल जो पूजा के दौरान गिर गया। वह अधिकतर श्रृद्धालुओं को वापस कर दिया गया। वहीँ आधा दर्जन से अधिक लोगों का मोबाइल और पर्स निकाल लिया गया। जिसमें एक कमांडों का पर्स और न्यास सदस्य मदन मोहन सिंह का पर्स शामिल हैं।
सिंहेश्वर बाजार में सुबह 6 बजे के करीब जो जाम लगी तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। जो एक बार जाम में फंस गया महज 1 किलोमीटर की दूरी तय करने में 2 से 3 घंटे लग रहे थे। हालांकि जाम को समाप्त करने के लिए पुलिस को काफी मस्कत करनी पड़ रही थी। सुबह में ही ऑटो को बाजार आने से नहीं रोकने के कारण जाम गहराता चला गया।

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