मौके पर मौजूद विद्यार्थी मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल पासवान ने कहा कि रामविलास पासवान हमेशा देश में शोषित, वंचित, बहुजनों के अधिकारों के लिए हमेशा लड़ाई लड़ते रहे. उन्हें भारत में द्वितीय अंबेडकर के नाम से जाना जाता है. रामविलास पासवान 9 बार लोकसभा सांसद एवं दो बार राज्यसभा सांसद रहे थे. राजनीतिक कैरियर की शुरुआत उन्होंने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य के रूप में की थी और 1969 ई. में बिहार विधानसभा के लिए चुने गए थे. हम लोगों को आदरणीय रामविलास पासवान के संघर्ष भरे जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है.
वहीं बीएनएमयू आइसा के विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली ने कहा कि रामविलास पासवान आजीवन वंचित समाजों के लिए लड़ाई लड़े एवं अपना पूरा जीवन बहुजनों के लिए समर्पित कर दिया. रामविलास पासवान को भारत के राष्ट्रीय राजनीति में मौसम वैज्ञानिक के तौर पर जाना जाता था.
मौके पर मौजूद एनएसयूआई के राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार ने कहा रामविलास पासवान सन 2000 ईस्वी में लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया और इसके प्रमुख बने. लगातार इन्होंने सभी वर्गों के लिए लड़ाई लड़ी. अबुजर खान ने कहा कि देश में इमरजेंसी का विरोध करने वाले नेताओं में पासवान जी भी शामिल थे और उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. जदयू नेता संतोष संगम ने कहा पासवान जी भारतीय राजनीतिक में एक कुशल राजनीतिज्ञ थे. संयुक्त छात्र संगठन में भारतीय विद्यार्थी मोर्चा, आइसा, एनएसयूआई, जदयू, भीम आर्मी आदि सभी ने एक साथ रामविलास पासवान की 77वीं जयंती धूमधाम से मनाई.
मौके पर उपस्थित मनीष राम, कुंदन पासवान, मनीष मेहरा, पारस पासवान, संतोष संगम, निखिल सिंह यादव, बिट्टू रावण आदि मौजूद थे.

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