बता दें कि जहां शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर, बीते दिनों रामचरितमानस वाले बयान पर सुर्खियां बटोर रहे थे और उनके चाचा शिक्षक परमेश्वरी प्रसाद यादव उनके समर्थन में खड़ा उतरे थे, लेकिन आज वहीं शिक्षक नियमवाली 2023 के विरोध में शिक्षा मंत्री के खिलाफ उनके चाचा ने भी मोर्चा खोल दिया, शिक्षक नियमावली 2023 के विरोध में आज राष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संगठनों के बैनर तले शहर में आक्रोशित शिक्षकों ने अपनी मांग को लेकर आक्रोश मार्च निकालकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया है.
इस दौरान शिक्षकों के द्वारा शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई. नारेबाजी कर रहे शिक्षकों ने कहा कि शिक्षक नियमावली 2023 का पुरजोर विरोध किया जा रहा है. नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने का वादा कर सरकार में आई महागठबंधन की सरकार के द्वारा शिक्षकों के साथ अन्याय किया जा रहा है, जब तक नए शिक्षक नियमावली 2023 में संशोधन कर नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा और समान काम के बदले समान वेतन लागू नहीं किया जाता है तब तक शिक्षकों का यह आंदोलन जारी हीं रहेगा.
इस दौरान सेवानिवृत शिक्षक परमेश्वरी प्रसाद यादव ने कहा कि मजदूर दिवस के अवसर पर शुरू हुआ शिक्षकों का आंदोलन चरणबद्ध तरीके से और भी तेज होगा, साथ हीं इसका खामियाजा महागठबंधन की सरकार को भुगतना हीं पड़ेगा. इस दौरान आक्रोश मार्च में शामिल सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शहर के विभिन्न मुख्य मार्गों का भ्रमण भी किया और कला भवन परिसर पहुंच कर जमकर सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन कर नारेबाजी भी की. मौके पर आक्रोशित शिक्षकों का काफिला धीरे धीरे सभा में भी तब्दील हो गया, वहीं घंटो प्रदर्शन के बाद शिक्षकों का आक्रोश मार्च संपन्न हुआ. आंदोलन कर रहे शिक्षकों की टीम ने डीएम विजय प्रकाश मीणा को स्मार पत्र देकर बिहार शिक्षा नियमावली 2023 में संशोधन की मांग भी रखी.

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