महोत्सव का उद्घाटन दीप प्रज्वलन कर बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री प्रो. चंदशेखर यादव ने किया. मौके पर मंत्री ने कहा कि 'सांस्कृतिक विकास के क्रमिक चरण में पशुचारण संस्कृति समस्त संस्कृति का आधार है. लोकदेव बाबा विशु राउत इस पशुचारण संस्कृति एवं कृषि संस्कृति के उन्नायक महापुरुष हैं. साहसी, वीर एवं स्फटिक मणि की तरह उज्ज्वल चरित्र वाले लोकदेव विशु राउत लाखों लोगों के प्ररेणा स्रोत और आस्था के पात्र हैं. इस अवसर पर आयोजित राजकीय महोत्सव में सृजन दर्पण के रंगकर्मियों ने "उगना वियोग" की मार्मिक प्रस्तुति दी' चार दिवसीय महोत्सव में विभिन्न संस्थानों के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक गीत और नृत्य की प्रस्तुति से दिल जीत लिया. इसी कड़ी में सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक क्षेत्र में काम करने वाली संस्था सृजन दर्पण के युवा रंगकर्मी और निर्देशक विकास कुमार द्वारा निर्देशित "उगना वियोग" 'नृत्य- नाटिका' की संदेशप्रद प्रस्तुति की गयी. इसमें उन्होंने भारतीय लोक मानस में आदिकाल से जमे विश्वास को मूर्त रूप अपने बेहतरीन अभिनय से दिया.
नृत्य-नाटिका के माध्यम से रंगकर्मियों ने यह संदेश दिया कि सच्चे हृदय की पुकार पर भगवान भी हाजिर हो जाते हैं, विद्यापति की कातर पुकार पर जब आदि देव भगवान शंकर मंच पर अवतरित हुए तब दर्शक वर्ग रंगकर्मी बिकास के अभिनय देख कर भाव विभोर हो गए. विद्यापति की जीवंत भूमिका में थे रंगकर्मी विकास कुमार एवं भगवान शंकर का किरदार सौरभ सुमन ने निभाया. युवा रंगकर्मियों की बेहतरीन प्रस्तुति को मौजूद दर्शकों ने ताली की गड़गड़ाहट से खूब सराहा. मंचन को सफल बनाने में संस्था के पदाधिकारी डॉ.सुरेश कुमार शशि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
इस अवसर पर डीडीसी नितिन कुमार, एनडीसी संजीव कुमार तिवारी, उदाकिशुनगंज अनुमंडल पदाधिकारी एसजेड हसन, डीएसपी सतिश कुमार, इंस्पेक्टर सुरेश कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में दर्शकगण मौजूद थे.

No comments: