अपने प्रवचन में स्वामी केदार बाबा ने कहा कि जो साधना करते हैं वह तीन अवस्था का त्याग करते हैं. इसके बाद ध्यान करते हैं. मानव शरीर में ही साधन का धाम है. बाहर भटकने की आवश्यकता नहीं है. परमपिता को प्राप्त करने के वास्ते अपने शरीर के अंदर चलना होगा. शरीर में ही साधन का धाम है और इसी के माध्यम से हम सब सदगति या दुर्गति को प्राप्त कर सकते हैं. जैसा कर्म करेगा वैसा फल मिलेगा.
साधना के बावत उन्होंने बताया कि ध्यान करने का स्थल शांत व शुद्ध रहना चाहिए. ध्यान करते करते पहले धुंधला दिखेगा, फिर साफ हो जाएगा. कार्यक्रम के आरंभ में "स्वागत में हम आए हैं पलके बिछाए" बच्चियों के द्वारा गाया गया. सत्संग कमिटी के अलावे प्रखंड कमिटी के पदाधिकारीगणों के द्वारा गुरुमहाराज के चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात केदार बाबा को माल्यार्पण किया गया.
मौके पर मुरलीगंज के पूर्व नगर अध्यक्ष श्वेत कमल उर्फ बौआ, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी जनार्दन प्रसाद निराला, संतमत कमिटी के अध्यक्ष जीतेंद्र प्रसाद यादव, प्रबोध प्रकाश, प्राचार्य अखिलेश कुमार, गुलाब चंद दास, अमोल यादव, रंजीत बाबा, संतोष कुमार, कालेश्वर भगत, सत्यनारायण साह समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे.
(रिपोर्ट: रानी देवी)

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