कमलेश्वरी प्रसाद यादव की 121वीं जयंती के.पी. महाविद्यालय में मनाई गई

बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रति कुलपति, रजिस्ट्रार विधायक विधान पार्षद विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने कमलेश्वरी बाबू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का किया शुभारंभ,

बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय अंतर्गत अंगीभूत के.पी. महाविद्यालय में आज मंगलवार 4 जनवरी को महाविद्यालय के संस्थापक कमलेश्वरी प्रसाद यादव व संस्थापक संविधान प्रारूप समिति के सदस्य कमलेश्वरी प्रसाद यादव की 121वीं जयंती स्थापना दिवस के रूप में मनाई गई.

अवसर पर उद्घाटनकर्ता के रूप में बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ आर.के. रमण, विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. डॉ आभा सिंह, प्रति कुलपति रजिस्ट्रार, निरंजन मेहता माननीय विधायक, बिहारीगंज विधानसभा, बीएन मंडल विश्वविद्यालय प्रो. डॉ मिहिर कुमार, विधान पार्षद अजय कुमार सिंह  आजीवन अभिषद सदस्य पद स्वर्गीय कमलेश बाबू के पुत्र अभय कुमार, पौत्र आनंद कुमार द्वारा महाविद्यालय परिसर स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की गई.

महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की. तदुपरांत मंच पर आगंतुक अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया.

महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रो. जवाहर पासवान द्वारा अध्यक्षीय वक्तव्य दिया गया. मंच संचालन का काम पृथ्वीराज यदुवंशी ने किया. कार्यक्रम का प्रारंभ स्वागत गान द्वारा किया गया. तदुपरांत महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा कुलपति प्रति कुलपति रजिस्ट्रार, विधायक विधान पार्षद को अंग वस्त्र एवं गुलदस्ता देकर सम्मानित किया, वहीं मंचासीन के.पी. महाविद्यालय के बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति, उद्घोषक पृथ्वीराज यदुवंशी, डॉ सुधांशु शेखर एवं मंचासीन सभी सम्मानित अतिथियों को गुलदस्ता एवं फल देकर सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जवाहर पासवान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वे 2003 से ही इस महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक के रूप में कार्य कर चुके हैं और 2010 में वे टी.पी. कॉलेज मधेपुरा चले गए थे. पुनः एक बार प्रभारी प्राचार्य के रूप में एक नया उत्तरदायित्व सौंपा गया है. जिस उद्देश्य से इस महाविद्यालय की स्थापना बाबू कमलेश्वरी प्रसाद यादव द्वारा की गई थी, उनके उद्देश्यों को असलीजामा पहनाने का यथासंभव प्रयास करेंगे.

वहीं विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ आभा सिंह ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जो गिरावट आई है उसे हमें पुनः स्थापित करना है. शिक्षा एक ऐसा गिफ्ट है जो भौतिक नहीं है, इसे ऐसे किसी को नहीं दिया जा सकता. वहीं उन्होंने शिक्षा के विषय में कहा कि शिक्षा में हर दिन नवीनता होनी चाहिए. ज्ञान का अर्थ आपके अंदर विचार विमर्श करने की क्षमता विकसित होती है और शिक्षकों में जो इंफॉर्मेशन संकलित किया हुआ होता है उसे छात्रों के बीच दिया जाता है. उसके अनुरूप हमारे पास संसाधन नहीं है. किसी तरह तो एडमिशन ले कर सिर्फ परीक्षा देकर पास कर लेते हैं लेकिन पूर्ण शिक्षा उन्हें नहीं मिल पाती जिसके कारण वे न तो घर के रहते हैं ना घाट के रहते हैं. उन्होंने छात्र छात्राओं शिक्षकों अभिभावकों एवं प्रबुद्ध जनों से अनुरोध किया कि महाविद्यालय पहुंचे वहां कमीशन से आए हुए शिक्षक एवं कुछ गेस्ट फैकेल्टी के शिक्षक भी हैं जिससे क्लास संचालित होता रहेगा और छात्रों को ज्ञान मिलेगा.

कमलेश्वरी बाबू के जयंती के मौके पर कमलेश्वरी बाबू के पौत्र आनंद कुमार ने कहा कि ये महान शिक्षाविद थे और टीपी कॉलेज, द्वारिका कॉलेज, सहरसा कॉलेज सहरसा को खुलवाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा था. अंतिम समय में वे मुरलीगंज प्रखंड क्षेत्र में महाविद्यालय की स्थापना के लिए सजग हुए और 30 जुलाई 1965 को मात्र 6 शिक्षकों के बल पर उन्होंने के.पी. महाविद्यालय की स्थापना की थी. इतिहास में प्रो. नागेंद्र प्रसाद यादव, राजनीति विज्ञान में प्रो. चितानंद यादव, अर्थशास्त्र में प्रोफेसर त्रिवेणी प्रसाद साह, मैथिली में प्रो. बालखण्डी झा और दर्शनशास्त्र में प्रोफेसर श्याम नारायण यादव, अग्रेजी में प्रो. डी. एंन. राम थे. कमलेश्वरी बाबू जमींदार परिवार के थे. फिर भी उन्होंने यहां के बड़े बड़े जमींदारों से जमीन दान लेकर महाविद्यालय का निर्माण करवाया था जिससे कि इस ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी शिक्षित होकर आगे बढ़े, इस क्षेत्र से अशिक्षा दूर हो सके. 

बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आर.के.पी. रमन ने कहा कि वे कभी इसी कॉलेज के छात्र हुआ करते थे और शिक्षा में सुधार के लिए वे प्रयासरत हैं. यहां जितने विषयों में प्रतिष्ठा की पढ़ाई होती है उन सभी विषयों में जल्द ही पीजी की पढ़ाई शुरू की जाएगी. साथ ही साथ बीबीए, बीसीए, बायोटेक की पढ़ाई महाविद्यालय में प्रारंभ की जाएगी.

विधायक निरंजन मेहता द्वारा महाविद्यालय परिसर में 1 बड़े हॉल के निर्माण की जिम्मेदारी ली गई. उन्होंने कहा कि जल्द ही महाविद्यालय में एक बड़े हॉल का निर्माण करवाएंगे, साथ ही विधान परिषद अजय कुमार सिंह द्वारा भी एक हॉल का निर्माण करवाने की बात कही गई. 

विधान पार्षद डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि ऐसे समय में जब सारे दिए बुझा दिए गए हैं, तब कमलेश्वरी प्रसाद यादव जैसे दीपक से हम सबों को रौशनी मिल रही है. उन्होंने जो बड़ी लकीर खींची, उसकी बराबरी कोई नहीं कर सकता है. उनके मन में कोसी को पिछड़ेपन से मुक्त करने‌ की कसक थी. उन्होंने कहा कि बिहार का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है. इस धरती ने दुनिया को प्रेम एवं शांति का संदेश दिया है. यहीं से गौतम बुद्ध और गाँधी ने दुनिया को प्रेरित किया. आर्यभट्ट ने शून्य की खोज की. दिनकर, रेणु एवं राजकमल चौधरी ने कालजयी साहित्य की रचना की. उन्होंने कहा कि बिहार कि शिक्षा व्यवस्था सड़ चुकी है. यदि शिक्षा की स्थिति नहीं बदली, तो बिहार में बदलाव एवं विकास नहीं हो सकेगा. अतः शिक्षा को बचाने के लिए मनीषी की जरूरत है. यहां ग्रामीण इलाके के छात्र छात्राओं में खेल की प्रतिभा भरी पड़ी है. जिससे यहां के छात्र छात्राओं की जो प्रतिभा है उसमें निखार आ सके. क्योंकि फुटबॉल एवं अन्य खेलों में भी यहां के छात्र-छात्राएं काफी अच्छा प्रदर्शन करते हैं. यहां स्टेडियम अधूरा पड़ा है इसे हम प्रभारी प्रचार से अनुरोध करेंगे कि वह इसे पूरा करवा दें जिससे छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास हो सके.

इस अवसर पर उप कुलसचिव (स्थापना) डा. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव, देव किशोर, डॉ. अतिरथ कुमार, महेंद्र मंडल, सुशांत सिंह, डॉ. अली अहमद मंसूरी, डॉ.शिवा शर्मा, डॉ. विजय कुमार पटेल, डॉ. त्रिदेव निराला, प्रतीक कुमार, डॉ. चंद्रशेखर आज़ाद, डॉ. अमरेंद्र कुमार, पंकज शर्मा, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. कमल कंचन, डॉ. अमित कुमार, डॉ. नज़राना, डॉ. राघवेंद्र, डॉ. नीरज कुमार निराला, देवाशीष देव, अभिषेक कुमार, इंदुभूषण,महेश राम, राजीव, राजेश, सिंटू आदि उपस्थित थे.

कमलेश्वरी प्रसाद यादव की 121वीं जयंती के.पी. महाविद्यालय में मनाई गई कमलेश्वरी प्रसाद यादव की 121वीं जयंती के.पी. महाविद्यालय में मनाई गई Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 04, 2023 Rating: 5

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