इंजिनियर कालेज के प्राचार्य को सौंपा आवेदन पत्र
बैठक के उपरांत विरोध प्रदर्शन के संदर्भ में अतिथि सहायक प्राध्यापको ने इंजिनियर कालेज के प्राचार्य अमरेंद्र कुमार अमर को ज्ञापन सौंपा। इस बावत अतिथि सहायक प्राध्यापक एवं तकनीकी सहायकों का कहना है कि वर्ष 2008 में भी पार्ट टाइम लेक्चरर को बिहार सरकार ने संविदा में समायोजन किया था। हमलोगो को भी एआईसीटीई के मापदंड पर बिहार सरकार की आरक्षण प्रणाली के तहत कमिटी गठित कर साक्षात्कार लेकर उनलोगों की बहाली हुई थी। हम लोग भी विगत कई वर्षों से विभिन्न कॉलेजों में अतिथि सहायक प्राध्यापक के रूप में काम कर रहे है। हम लोगों को भी बिहार सरकार के द्वारा संविदा के रूप में समायोजन किया जाए। हम सभी ने मुख्यमंत्री के सात
निश्चय योजना के तहत प्रत्येक जिला में पॉलिटेक्निक कॉलेज एवं इंजीनियरिंग कॉलेज के पठन-पाठन परीक्षा इत्यादि सभी कार्यों को सुचारू रूप से कर रहे हैं। अब जब सभी कॉलेज सुचारू रूप से चलने लगा है। तो बिहार सरकार सभी अतिथि प्राध्यापको को हटाकर उसकी जगह नियमित शिक्षक रखने जा रही है। एक तरफ सरकार जहाँ नौकरी बाँटने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी तरफ उतनी ही संख्या में लोगों को बेरोजगार कर रही है। अतिथि सहायक, प्राध्यापक एवं तकनीकी सहायक के नाम पर सभी पॉलिटेक्निक कॉलेज एवं इंजीनियरिंग कॉलेज को मान्यता प्राप्त हुआ है। हम सभी ने मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना के तहत प्रत्येक जिला में पॉलिटेक्निक कॉलेज एवं इंजीनियरिंग कॉलेज में पठन-पाठन को सुचारु ढंग से चलाकर उसे सफल बनाया है। हमारे पढ़ाए हजारों छात्र एवं छात्राएं देश के विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी विभागों में जॉब कर रहे है। हमारी काबिलियत एवं योग्यता पर किसी भी प्रकार से संदेह नहीं किया जा सकता है।

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