वहीं एनडीआरएफ द्वारा सभी छात्र-छात्राओं को बताया कि अगर किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान कोई व्यक्ति अगर मृत स्थिति में दिखे तो उसकी जीवन बचाने के लिए कैसे उपाय करना है, उसकी विशेष जानकारी दी गई। वहीं स्कूल के सभी स्टाफ को एक कमरे में बैठाकर सब इंस्पेक्टर अंकुश बाबू ने कंप्यूटर की मदद से टिप्स देकर आपदा से बचाव की जानकारियां दी। सब इंस्पेक्टर अंकुश बाबू ने बताया कि गृह मंत्रालय भारत सरकार के माध्यम से पूरे देश में जिला स्तर पर प्लस टू विद्यालय में स्कूल सेफ्टी का प्रोग्राम चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा से बड़े पैमाने पर होने वाले जानमाल की क्षति से बचाव के उपाय को लेकर एसएनपीएम हाईस्कूल में मॉक ड्रिल आयोजित कर आकस्मिक परिस्थिति में उठाये जाने वाले कदम के बारे में जानकारी दी गई। एनडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान भूकंप जैसी आपदा से होती है। इसमें बचाव के लिए समय की बेहद कमी होती है और चंद सेकेण्ड में ही हमें कोई न कोई निर्णय लेना होता है। कोई भी प्राकृतिक आपदा बताकर नहीं आती है। ऐसे में भूकंप के दौरान आप मकान या दफ्तर में हो तो वहां से बाहर निकल जाएं। भूकंप आने पर खुले मैदान की ओर भागें यह ज्यादा सेफ होता है। किसी बिल्डिंग के आसपास न खड़े हों। घर के दरवाजे खिड़की खुला रखें। घर से बाहर निकलना मुमकिन नहीं हो तो बेड, टेबल आदि के नीचे छुप जायें ताकि किसी भी परिस्थिति में कम से कम नुकसान हो।दीवार के कोने या फिर दरवाजे के चौखट पर खड़े होकर अपना बचाव कर सकते हैं। भूकंप के दौरान कोई व्यक्ति अंदर मलबे में फंस गया है तो उसे किसी किनारे से लेटकर निकालने की कोशिश की जा सकती है। आपदा के दौरान घायलों को किस प्रकार से जल्द से जल्द इलाज के हॉस्पिटल भेजने में हम सबों की सहभागिता हो सकती है। इसकी भी जानकारी स्कूली बच्चों को दी गई।
इस दौरान एनडीआरएफ टीम के सब इंस्पेटर अंकुश बाबू (टीम कमांडर), हेड कांस्टेबल दीपक कुमार, कांस्टेबल अरुण कुमार, कांस्टेबल सुनील कुमार यादव, कांस्टेबल राजेंद्र, कांस्टेबल विवेक कुमार सहित स्कूल के शिक्षक व कर्मी रमेश कुमार रमण, रूप नारायण यादव, गुड्डी कुमारी, रजनी, नारायण कुमार, संतोष कुमार, अरुण कुमार आर्य आदि मौजूद रहे।
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