कार्यक्रम में बड़ी संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने उपस्थित होकर बाबू जगदेव प्रसाद के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रण लिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि बिहार लेनिन बाबू जगदेव प्रसाद अपनी अंतिम सांस तक देश के दबे, कुचले और मुख्यधारा से वंचित और उपेक्षित वर्ग के अधिकार और इज्जत की लड़ाई को मजबूती के साथ लड़ते रहे. उन्होंने पिछड़ी और दलित जातियों को अधिकार के लिय एकजुट करने का अभियान चलाया. उन्होंने कहा कि देश की आबादी का नब्बे फीसदी पिछड़ा, दलित, आदिवासी और मुस्लिम आबादी शोषित है और इनका शोषण देश की दस फीसदी आबादी कर रही है. उन्होंने नारा दिया " सौ में नब्बे शोषित है, शोषितों ने ललकारा है, धन-धरती और राजपाट में नब्बे भाग हमारा है".
जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि बाबू जगदेव प्रसाद के विचार को धरातल पर उतारकर ही भारत के लोकतंत्र को सुरक्षित और मुक्कमल किया जा सकता है. यह तभी संभव है जब जनसंख्या के आधार पर हिस्सेदारी को सुनिश्चित किया जाएगा. जब तक देश के सत्ता, शासन-प्रशासन में सबकी हिस्सेदारी सुनिश्चित नहीं की जाती है तबतक इस देश का पूर्ण विकास संभव नहीं है. जबतक जातियों के आधार और शोषण और भेदभाव बरकरार रहेगा तब तक इस देश की एकता और अखंडता को मजबूत नहीं माना जा सकता है. उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार से केंद्र की मोदी सरकार लगातार पिछड़ी और दलित जातियों के संवैधानिक अधिकार का अतिक्रमण कर रही है, यह देश के लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिय सही नहीं है.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से एनएसयूआई छात्रनेता जितेंद्र कुमार, नीतीश कुमार, नवीन कुमार, प्रेम कुमार, सोनू कुमार, विमल कुमार, मिथुन कुमार, भूषण कुमार, राजेश कुमार, अवनीश कुमार, विक्रम कुमार, गुड्डू कुमार, चंद्रप्रकाश कुमार, राजेश कुमार, पुरुषोत्तम कुमार, अविनाश कुमार, सूर्यनारायण यादव, सुनील कुमार, प्रदीप कुमार, अंकेश कुमार, बिट्टू यादव, सुमन झा, अमित कुमार गुप्ता, रवि रंजन समेत दर्जनों एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद थे.

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