पुतला दहन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शम्भु क्रांति ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि मंडल आयोग के जिस प्रकाश पुंज रूपी अध्यक्ष बीपी मंडल को उनकी जयंती पर आज देश के कोने कोने में कार्यक्रम हो रहे हैं उनको उन्हीं के जिले में जिला प्रशासन नजरंदाज करने पर तुला है. सरकार के द्वारा राजकीय जयंती का प्रावधान है लेकिन जिस प्रकार जिला प्रशासन द्वारा बस स्टैंड स्थित प्रतिमा और मुरहो के समाधि स्थल पर राजकीय जयंती की खानापूर्ति की गई उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.
जिला सचिव सौरव कुमार ने कहा कि वर्तमान जिला पदाधिकारी की नीति और नीयत दोनों खराब है. बीपी मंडल की जयंती की औपचारिकता आमजन के भावना का भी अपमान है. इनके कार्यकाल में सभी कार्यक्रम औपचारिक बन कर रह गए हैं.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि बीपी मंडल साहब की राजकीय जयंती पर जिला प्रशासन की उदासीनता निंदनीय है. वर्तमान डीएम के कार्यकाल में जिला में बिहार दिवस, मधेपुरा स्थापना दिवस, पन्द्रह अगस्त, छब्बीस जनवरी को आयोजित होने वाले साहित्यिक, सांस्कृतिक, खेलकूद, सम्मान समारोह जैसे कार्यक्रम भुला दिए गए जो जिले की पहचान और उपलब्धि को दर्शाने का अवसर होता था. राठौर ने राजकीय कार्यक्रम में सरकार के प्रतिनिधि के शामिल नहीं होने के पीछे जिला प्रशासन की लचर व्यवस्था और निम्न सोच बताया और कहा कि अगर पहल होती तो शिक्षा मंत्री सह सदर विधायक को आसानी से आमन्त्रित किया जा सकता था. जिससे जयंती समारोह की रौनकता बढ़ती लेकिन ऐसा नहीं किया गया. डीएम की मनमानी और लापरवाही को लेकर एआईवाईएफ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख नाराजगी जाहिर करते हुए कार्रवाई की मांग की है.
बीपी मंडल की प्रतिमा स्थल पर एआईवाईएफ कार्यकर्ताओं ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया. नेताओं ने कहा कि बीपी मंडल हमेशा दबे कुचले लोगों की उम्मीद के किरण रहेंगे. मंडल आयोग के अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका सदैव धरोहर के रूप में समाज को मजबूती प्रदान करेगी और सबको आवाज व अवसर प्रदान करेगी. इस अवसर पर राजू यादव, मनोरंजन यादव, आशुतोष, चंद्रभूषण, अंकेश, दिव्यांशु आदि उपस्थित रहे.

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