मालूम हो कि सहरसा के सम्मानित चिकित्सक डॉ अजय कुमार को झूठे मामले में मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, जिसमें पुलिस की भी भूमिका संदिग्ध है. कहा कि डॉक्टर अपराधी नहीं होते जिन्हें इस तरह प्रताड़ित किया जाए.
सेवानिवृत्त प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ डी.के. सिन्हा ने कहा कि आरोप के अनुसार इस तरह की घटना असंभव प्रतीत होती है. किसी के किडनी ट्रांसप्लांट की जटिल प्रक्रिया या तो कोलकाता नहीं तो लखनऊ में ही हो रही है, जो मेरी जानकारी है. किसी के किडनी निकालने के बाद उसे 2 से 3 घंटे में लगा दिया जाना चाहिए. यहां ऐसा असंभव है, सहरसा में डॉ अजय कुमार को एक राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है जो निंदनीय है.
डॉक्टर एस.के. संत एवं डॉ ए.के. मिश्रा ने कहा कि इसकी उच्च स्तरीय जांच हो एवं जो इस तरह किसी चिकित्सक को प्रताड़ित करें या उस पर झूठा आरोप लगावे उस पर विधि सम्मत कार्रवाई होनी चाहिए.
शल्य चिकित्सक एवं स्त्री व बांझपन रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पूजा भारती, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह डायबिटोलॉजिस्ट डॉ मिथिलेश कुमार ने कहा कि अब आम बात हो गई है डॉक्टर के ऊपर कीचड़ उछालना. सहरसा में किडनी निकालना एवं लगाना असंभव ही नहीं बल्कि नामुमकिन है. जानबूझकर किसी साजिश के तरफ फंसाया गया है. मामले की सीबीआई से जांच करा ले तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. यदि ऐसी स्थिति रही तो इस तरह कौन किसका इलाज करेगा?
डॉ संदीप कुमार सोनू ने कहा कि इस तरह चिकित्सक को फंसाने की जितनी भी निंदा की जाए वो कम है.
(नि. सं.)
![चिकित्सक को फर्जी मुकदमे में फंसा कर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की चिकित्सकों ने की निंदा](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg6DHoTXJh3A4fLiH49Epn_IcD9zWPGugWK3x45bfzM9rRsAGT3PaAqq98YRekCV2-EWzpxm0o1YyAqIQO605TcE4VywCx5SxQbkHbM5htAD7WPMlJcpPenZNArLKHF0fi4aaD_13sheW2qQZZjOk1yXEYvrQSDlDXQwmIlhYvARxO2k4P3ihBLfHDl/s72-c/Untitled.jpg)
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