एक दूसरे अन्य मामले में मुरलीगंज थाना कांड संख्या 170/21 जिसमें पूर्व जिला परिषद पति राकेश राम के भाई पवन राम की हत्या कोल्हायपट्टी चौक से पहले गांव से चौक पर आने के क्रम में कर दी गई थी. उस हत्याकांड में भी यही दोनों अभियुक्त ने हत्या की घटना को अंजाम दिया था मामले में पुलिस ने दोनों ही हत्याकांड के अभियुक्त को गिरफ्तार न्यायिक हिरासत में भेजने की कार्रवाई की गई थी.
गौरतलब हो कि पिछले दिनों वहीं से शादी के बहाने पैरोल पर बाहर आए थे और एक नए अपराध को अंजाम देने जा रहे थे कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि ये अपराधी एक बड़ी वारदात को अंजाम देने जा रहे हैं. सूचना के आधार पर मुरलीगंज थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए पेट्रोलिंग कर रहे पुलिस पदाधिकारी अब्बास हुसैन एवं कमांडो बल विनीत कुमार, शेर अली, शिव शंकर मुकेश कुमार, पंकज कुमार और कुंदन कुमार के द्वारा शहर के सभी चौक चौराहे पर तलाशी अभियान प्रारंभ किया गया. पेट्रोलिंग पुलिस पदाधिकारी अब्बास हुसैन एवं कमांडो बल के सहयोग से दिन के 1:30 बजे स्टेट हाईवे 91 मुरलीगंज बिहारीगंज रेलवे क्रॉसिंग के पास दो युवक सूरज कुमार पिता दामोदर प्रसाद यादव घर कोल्हायपट्टी वार्ड नंबर 2 एवं दूसरे अभियुक्त कुणाल कुमार पिता अनिल यादव घर तिलकोड़ा वार्ड नंबर 11 को दो देसी कट्टे और 7 सात 315 जिंदा कारतूस 200 ग्राम गांजा एवं हीरो होंडा एक्सट्रीम मोटरसाइकिल जिसका नंबर बीआर 43 डब्ल्यू 1434 के साथ गिरफ्तार कर लिया गया.
दोहरी हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त जेल से पैरोल पर बाहर आकर एक नए अपराध को अंजाम देने जा रहे अपराधी को गिरफ्तार कर पुलिस इस बात से हैरान थी कि कि किस तरह यह दोनों न्यायिक हिरासत से बाहर आ गए और नई घटना को अंजाम देने जा रहे थे. मामले में जब पड़ताल की गई तो पता चला कि यह दोनों शातिर अपराधी न्यायालय में अपने आप को नाबालिग घोषित कर जूविनाइल कोर्ट में अपने -अपने मामले को ले गए और वहां से फिर पैरोल पर शादी के बहाने बाहर आए थे.
पुलिस को पड़ताल में इस चीज के ठोस सबूत मिले हैं कि यह दोनों अपने मैट्रिक के प्रमाण पत्र में फर्जी तरीके से अपनी जन्मतिथि 2005 अंकित करवाए हैं और उसी आधार पर यह जुवेनाइल न्यायालय का सहारा लिए थे. जबकि मध्य विद्यालय में जब इन दोनों के नामांकन रजिस्टर की जांच करवाई गई तो उसमें दोनों की जन्म तिथि 2003 अंकित है. साथ ही माध्यमिक विद्यालय के नामांकन पंजी की जब जांच की गई तो वहां भी नामांकन पंजी में इनकी जन्म तिथि 2003 अंकित पाया गया. दोनों ही विद्यालय के प्रधानाध्यापकों से लिखित रूप में इनके नामांकन के समय की जन्म तिथि की सत्यापित प्रति पुलिस द्वारा प्राप्त कर ली गई है. जिसे अब न्यायालय में समर्पित किया जाएगा, जिससे माननीय न्यायालय द्वारा न्यायालय के साथ फर्जीवाड़े एवं जूविनाइल कोर्ट से हटाकर सख्त न्यायिक कार्रवाई के लिए अनुरोध करेगी.
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