काव्य गोष्ठी का आरंभ रोजी कुमारी ने स्वागत गीत गाकर किया. प्रथम सेमेस्टर के छात्र धीरज कुमार ने अपनी स्वरचित रचना "हम सिर्फ कहने के लिए बुद्धिजीवी हैं" का काव्य पाठ किया. ब्युटी ने "हमरा कुछ नै फुरय य" लोकगीत सुनाया. ममता ने मां शीर्षक से काव्य पाठ किया. शोधार्थी विभीषण कुमार ने कोरोना पर अत्यंत ही सारगर्भित कविता का काव्यपाठ किया. राकेश कुमार ने 'आधुनिक बेटा' कविता का पाठ किया. उसके बाद आरती कुमारी, श्वेता संगम, पंकज कुमार, सुशील कुमार, गौतम कुमार सहित दर्जनों छात्रों ने अपना-अपना विचार व्यक्त किया.
अंत में शिक्षक द्वय डॉ विनय कुमार चौधरी और विभीषण कुमार के द्वारा सभी छात्रों की रचनाओं की भूरी-भूरी प्रशंसा की गई और नूतन वर्ष की अग्रिम बधाई व शुभकामनाएं दी गई.
(नि. सं.)
No comments: