बीo पीo मंडल की प्रतिमा तोड़े जाने के विरुद्ध नरेंद्र मोदी और आरएसएस का पुतला दहन

बहुजन समाज के धरोहर बीo पीo मंडल की प्रतिमा तोड़े जाने के विरुद्ध, किसानों पर  लाठीचार्ज, निजीकरण केविरोध में तथा जाति जनगणना की मांग को लेकर आज, मंगलवार, 31 अगस्त को संध्या 4.30 बजे, कॉलेज चौक, मधेपुरा में बड़ी संख्या में छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता, आम नागरिक पहुंच कर नरेंद्र मोदी और आरएसएस का पुतला दहन किया।  

इस अवसरपर प्रो अरुण कुमार, डॉ सूरजमंडल, प्रो जवाहर पासवान, राजद नेता प्रो तेजनारायण यादव, अमरेंद्र यादव, भोला यादव, जय किशोर, पूर्व पार्षद ध्यानी यादव, रणधीर राणा, सुमन यादव, ई0 हरीश मंडल,राजेश रजनीश, ई प्रभाष, मो अल्लाउद्दीन रौशन विद्रोही, अद्यानन्द, मुन्ना पासवान, हेमेंद्र कुमार आदि ने सभा को सम्बोधित करते हुए, दोषियों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की मांग की।  

बहुजन संघर्ष मोर्चा व मंडल सेना ने कहा कि एक जाति विशेष के संगठन और पटना विश्वविद्यालयके रजिस्ट्रार मनोज मिश्रा द्वारा आरएसएस / भाजपाके इशारे पर बहुजन समाज के धरोहर, सामाजिक न्याय के प्रणेता, बिहार के भूतपूर्वमुख्यमंत्री बीo पीo मण्डल की प्रतिमा को 25 अगस्त मंडल जी के ही जयंती के दिन पटना विश्वविद्यालय में तोड़वाकर कूड़ेदान में फ़ेंकवाया गया। विरोधकरने वाले छात्रोंपर पुलिस ने बर्बरता से लाठी चार्ज किया और थाने ले जाया गया। 

इधर देश में लगभग 9 महीनेसे संघर्षरत किसान आंदोलन को जबरन दबाने के लिए हरियाणा में किसानों पर जानलेवा लाठी चार्ज किया गया जिसमें एक किसान की मौत भी गई और एक किसान को चोट से उसकी आँखों की रौशनी चली गयी।  

कहा कि निजीकरण के नाम पर देश के संसाधनों की लूटजारी है और मोदी सरकार अडानीअम्बानी के रखैल की तरह कामकर रही है। देश में जाति आधारितजनगणना की माँग को नहीं मान कर मोदी सरकार देश के बहुंसख्यक दलित, पिछड़े, आदिवासी समाज के साथ भी लगातार उनके हक़ के साथ खिलवाड़ कर रही है और देश में संसाधनों पर कब्जे की सच्चाई को छुपाने का काम कर रही है।  

उन्होंने कहा कि जाति का नशा एक अजीब नशा है जो विवेक व मानवीय मूल्यों को हत देता है। 25 अगस्त 1918 मण्डल आयोग केअध्यक्ष व बिहारके पूर्व मुख्यमंत्री माननीय बी. पी मंडल साहब का जन्मदिन है। बी. पी मंडल जी कोई मामूली सख्शियत नही हैं।इन्होंने देश के 52 प्रतिशत पिछड़ो के लिए आर्टिकिल 340 के तहत बने दूसरे पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष रहते हुए 2 वर्ष में पूरे देश के 640 जिलों का दौरा कर एक रिपोर्ट देशकी सरकार को पिछड़े वर्गों की तरक्की हेतु कुछ अनुशंसाओं के साथ प्रेषित किया था जिसमें से सिर्फ दो अनुशंसाओं के लागू होने से बहुत बड़ी तादात में देश की ओबीसी जातियां तरक्की की इबारतें लिख रही हैं। 

कहा कि बी. पी मंडल जी 1968 मे बिहार के मुख्यमंत्रीबने। इन्होंने अपनी उच्चशिक्षा पटना विश्वविद्यालयसे ग्रहण किया।पटना विश्वविद्यालय से शिक्षाग्रहण किया कोई छात्र बिहार का मुख्यमंत्री बना और फिर इस देशकी 52 प्रतिशत आबादी को गुलामी से मुक्ति का संसाधन मण्डल रिपोर्ट के जरिये उपलब्ध कराया, तो वह निःसन्देह पूजनीय व अभिनन्दनीय होगा।ऐसे व्यक्ति पर उस विश्वविद्यालय को भी निःसन्देह फख्र होना चाहिए जो उसके वहां से शिक्षा ले भारतीय राजनीति का एक चमकता हुआ नक्षत्र बना। बाबा साहब डा अम्बेडकर कोलंबिया विश्वविद्यालय से पढ़कर भारत आ भारत का संविधान लिखे।कोलंबिया विश्वविद्यालय ने अपने निर्माण के 300 वर्ष पूर्णकरने पर जब इस बात की समीक्षा किया कि उसकी यूनिवर्सिटी से 300 वर्षों में पढ़े हुये छात्रों में सर्वाधिक योग्य छात्र कौन थे तो जो 06 नाम निकलकर सामने आये उनमें पहला नाम डा0अम्बेडकर का था।कोलम्बिया यूनिवर्सिटी ने अपनेमुख्य प्रवेश द्वारपर कांसे की बाबा साहब डाअम्बेडकर की प्रतिमा लगा उसके नीचे "सिंबल आफ नॉलेज" लिखा जिसका अनावरण तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराकओबामा जी ने किया। इस यूनिवर्सिटी ने गेटपर ही लिखा रखा है कि "हमें गर्व है कि एक ऐसा छात्र हमारी यूनिवर्सिटी से पढ़कर गया है और उसने भारत का संविधान लिखकर उस देशपर बड़ा उपकार किया है।"  बहुजन समाज के धरोहर बीo पीo मंडल की प्रतिमा तोड़े जाने के विरुद्ध, किसानों पर  लाठीचार्ज, निजीकरण के विरोध में तथा जाति जनगणना की मांग को लेकर आज, मंगलवार, 31 अगस्त को संध्या 4.30 बजे, कॉलेज चौक, मधेपुरा में बड़ी संख्या में छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता, आम नागरिक पहुंच कर नरेंद्र मोदी और आरएसएस का पुतला दहन किया।  

इस अवसरपर प्रो अरुणकुमार, डॉ सूरजमंडल, प्रो जवाहर पासवान, राजद नेता प्रो तेजनारायण यादव, अमरेंद्र यादव, भोला यादव, जय किशोर, पूर्व पार्षद ध्यानी यादव, रणधीर राणा, सुमन यादव, ई0 हरीश मंडल,राजेश रजनीश, ई प्रभाष, मो अल्लाउद्दीन रौशन विद्रोही, अद्यानन्द, मुन्ना पासवान, हेमेंद्र कुमार आदि ने सभा को सम्बोधित करते हुए, दोषियों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की मांग की।  

बहुजन संघर्ष मोर्चा व मंडल सेना ने कहा कि एक जाति विशेष के संगठन और पटना विश्वविद्यालयके रजिस्ट्रार मनोज मिश्रा द्वारा आरएसएस / भाजपाके इशारे पर बहुजन समाज के धरोहर, सामाजिक न्याय के प्रणेता, बिहार के भूतपूर्वमुख्यमंत्री बीo पीo मण्डल की प्रतिमा को 25 अगस्त मंडल जी के ही जयंती के दिन पटना विश्वविद्यालय में तोड़वाकर कूड़ेदान में फ़ेंकवाया गया। विरोधकरने वाले छात्रोंपर पुलिस ने बर्बरता से लाठी चार्ज किया और थाने ले जाया गया। 

इधर देश में लगभग 9 महीनेसे संघर्षरत किसान आंदोलन को जबरन दबाने के लिए हरियाणा में किसानों पर जानलेवा लाठी चार्ज किया गया जिसमें एक किसान की मौत भी गई और एक किसान को चोट से उसकी आँखों की रौशनी चली गयी।  

कहा कि निजीकरण के नाम पर देश के संसाधनों की लूटजारी है और मोदी सरकार अडानीअम्बानी के रखैल की तरह कामकर रही है। देश में जाति आधारितजनगणना की माँग को नहीं मान कर मोदी सरकार देश के बहुंसख्यक दलित, पिछड़े, आदिवासी समाज के साथ भी लगातार उनके हक़ के साथ खिलवाड़ कर रही है और देश में संसाधनों पर कब्जे की सच्चाई को छुपाने का काम कर रही है।  

उन्होंने कहा कि जाति का नशा एक अजीब नशा है जो विवेक व मानवीय मूल्यों को हत देता है। 25 अगस्त 1918 मण्डल आयोग केअध्यक्ष व बिहारके पूर्व मुख्यमंत्री माननीय बी. पी मंडल साहब का जन्मदिन है। बी. पी मंडल जी कोई मामूली सख्शियत नही हैं।इन्होंने देश के 52 प्रतिशत पिछड़ो के लिए आर्टिकिल 340 के तहत बने दूसरे पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष रहते हुए 2 वर्ष में पूरे देश के 640 जिलों का दौरा कर एक रिपोर्ट देशकी सरकार को पिछड़े वर्गों की तरक्की हेतु कुछ अनुशंसाओं के साथ प्रेषित किया था जिसमें से सिर्फ दो अनुशंसाओं के लागू होने से बहुत बड़ी तादात में देश की ओबीसी जातियां तरक्की की इबारतें लिख रही हैं। 

कहा कि बी. पी मंडल जी 1968 मे बिहार के मुख्यमंत्रीबने। इन्होंने अपनी उच्चशिक्षा पटना विश्वविद्यालयसे ग्रहण किया।पटना विश्वविद्यालय से शिक्षाग्रहण किया कोई छात्र बिहार का मुख्यमंत्री बना और फिर इस देशकी 52 प्रतिशत आबादी को गुलामी से मुक्ति का संसाधन मण्डल रिपोर्ट के जरिये उपलब्ध कराया, तो वह निःसन्देह पूजनीय व अभिनन्दनीय होगा।ऐसे व्यक्ति पर उस विश्वविद्यालय को भी निःसन्देह फख्र होना चाहिए जो उसके वहां से शिक्षा ले भारतीय राजनीति का एक चमकता हुआ नक्षत्र बना। 

बाबा साहब डा अम्बेडकर कोलंबिया विश्वविद्यालय से पढ़कर भारत आ भारत का संविधान लिखे।कोलंबियाविश्वविद्यालय ने अपने निर्माण के 300 वर्ष पूर्णकरने पर जब इस बात कीसमीक्षा किया किउसकी यूनिवर्सिटी से 300 वर्षों में पढ़े हुये छात्रों में सर्वाधिक योग्य छात्र कौन थे तो जो 06 नाम निकलकर सामने आये उनमें पहला नाम डा0अम्बेडकर का था।कोलम्बिया यूनिवर्सिटी ने अपनेमुख्य प्रवेश द्वारपर कांसे की बाबा साहब डाअम्बेडकर की प्रतिमा लगा उसके नीचे "सिंबल आफ नॉलेज" लिखा जिसका अनावरण तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराकओबामा जी ने किया। इस यूनिवर्सिटी ने गेटपर ही लिखा रखा है कि "हमें गर्व है कि एक ऐसा छात्र हमारी यूनिवर्सिटी से पढ़कर गया है और उसने भारत का संविधान लिखकर उस देशपर बड़ा उपकार किया है।" 

अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी कोलम्बिया यूनिवर्सिटी है जिसे दूसरे देश के छात्र के मेधावी होने पर गर्वहोता है औरउस देश के राष्ट्रपति पंहुचकर उनकी मूर्तिपर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं और एक भारत देश है जहां की पटना यूनिवर्सिटी मेंपढ़े वीपी मण्डलजी की प्रतिमाको उसके रजिस्ट्रार कर्नल मनोज मिश्रा तोड़कर कूड़ेदान में फेंक डालते हैं। 

अमेरिका की यूनिवर्सिटी मे जाति की बीमारी नही है लिहाजा भारतीय अछूत के बेटेको सम्मानित करने में यूनिवर्सिटी गर्वमहसूस करती है जबकि भारत में  जाति रक्त-मज्जा में समाई हुई है लिहाजा वीपीमण्डल जी पर गर्व करने की बजाय पटना यूनिवर्सिटी मे उनकी मूर्ति जाति की बीमारी सेग्रस्त हो तोड़ डालती है। 

पटना यूनिवर्सिटी को तो इस बात पर गौरवान्वित होना चाहिए कि उसके एक छात्र वीपी मण्डल की पूरे देश मे पूजा हो रही है।उन्होंने दूसरे पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष की हैसियत से देश के एकबहुत बड़े समुदायके हितार्थ रिपोर्ट दी है जिसकेअमल से उनका कल्याण हो रहा है। वे बिहार के भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं ।

पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष यादव, उपाध्यक्ष निशांत यादव जी औरअमर ज्योति आदि छात्र नेताओंने यूनिवर्सिटी कुलपतिसे अपने विश्वविद्यालयके पूर्व छात्र बी. पी मंडल जी की मूर्ति लगानेकी जब मांग की थी तोउन्होंने असमर्थता जताते हुये इन छात्रों से ही मूर्ति लगानेकी बात कह डाली थी जिसके बाद युवाओं ने बी. पी मंडल जी की जयंती पर 25 अगस्त 2021 को छात्रसंघ भवन के पास मूर्ति स्थापित कर दी जिसे रजिस्ट्रार कर्नल मनोज मिश्रा ने मूर्ति स्थापना के बाद 25 अगस्त 2021 को ही तोड़वा कर कूड़े दान में फ़ेंकवा दिया। 

क यूनिवर्सिटी कोलम्बिया यूनिवर्सिटी है जिसे दूसरे देश के छात्र के मेधावी होने पर गर्वहोता है औरउस देश के राष्ट्रपति पंहुचकर उनकी मूर्तिपर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं और एक भारत देश है जहां की पटना यूनिवर्सिटी मेंपढ़े वीपी मण्डलजी की प्रतिमाको उसके रजिस्ट्रार कर्नल मनोज मिश्रा तोड़कर कूड़ेदान में फेंक डालते हैं। 

अमेरिका की यूनिवर्सिटी मे जाति की बीमारी नही है लिहाजा भारतीय अछूत के बेटेको सम्मानित करने में यूनिवर्सिटी गर्वमहसूस करती है जबकि भारत में  जाति रक्त-मज्जा में समाई हुई है लिहाजा वीपीमण्डल जी पर गर्व करने की बजाय पटना यूनिवर्सिटी मे उनकी मूर्ति जाति की बीमारी सेग्रस्त हो तोड़ डालती है। 

पटना यूनिवर्सिटी को तो इस बात पर गौरवान्वित होना चाहिए कि उसके एक छात्र वीपी मण्डल की पूरे देश मे पूजा हो रही है।उन्होंने दूसरे पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष की हैसियत से देश के एकबहुत बड़े समुदायके हितार्थ रिपोर्ट दी है जिसकेअमल से उनका कल्याण हो रहा है। वे बिहार के भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं ।

पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष यादव, उपाध्यक्ष निशांत यादव जी औरअमर ज्योति आदि छात्र नेताओंने यूनिवर्सिटी कुलपतिसे अपने विश्वविद्यालयके पूर्व छात्र बी. पी मंडल जी की मूर्ति लगानेकी जब मांग की थी तोउन्होंने असमर्थता जताते हुये इन छात्रों से ही मूर्ति लगानेकी बात कह डाली थी जिसके बाद युवाओं ने बी. पी मंडल जी की जयंती पर 25 अगस्त 2021 को छात्रसंघ भवन के पास मूर्ति स्थापित कर दी जिसे रजिस्ट्रार कर्नल मनोज मिश्रा ने मूर्ति स्थापना के बाद 25 अगस्त 2021 को ही तोड़वा कर कूड़े दान में फ़ेंकवा दिया। 

(वि.)
बीo पीo मंडल की प्रतिमा तोड़े जाने के विरुद्ध नरेंद्र मोदी और आरएसएस का पुतला दहन बीo पीo मंडल की प्रतिमा तोड़े जाने के विरुद्ध नरेंद्र मोदी और आरएसएस का पुतला दहन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 31, 2021 Rating: 5

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