बताया जा रहा है कि अब अगले मुख्य पार्षद के रूप में निर्मला देवी को चुने जाने की योजना है. निर्मला देवी 2002 से 2006 तक मुख्य पार्षद रही थी.
मतदान के बाद वहां मौजूद पार्षदों ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्य पार्षद के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर था, कोई काम नहीं हुआ, नगर परिषद् की स्थिति दयनीय हो गई आदि आदि. अब दस महीने में हमलोग कायाकल्प कर देंगे.
बताते चलें कि इतने आरोप हरबार अविश्वास प्रस्ताव के समय में लगाये जाते रहे हैं, पर यहाँ के कुर्सी का खेल किसी से छुपा नहीं है. वैसे भी मधेपुरा नगर परिषद् से कोई उम्मीद आमलोगों को शायद ही कभी रही हो. यहाँ भी जिन्दा रहना ही विकास है. चारों तरफ टूटे नाले, बर्बाद सड़कें और कचरा नगर परिषद् के 'गौरवमयी इतिहास' की गाथा सुनाते हैं. हाँ, पार्षदों का विकास यहाँ की तय कहानी होती है.
(वि. सं.)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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August 06, 2021
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