बिहार राज्य सिंचाई विभाग मौसमी कर्मचारी संघ के बैनर तले आयोजित मौसमी मजदूरों का धरना अवर प्रमंडल उदाकिशुनगंज मुरलीगंज के मजदूर मिथिलेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में राज्य उपाध्यक्ष मौसमी कर्मचारी संघ पटना राजू मन रमन ने बताया कि मौसमी कर्मी, नहर से किसान के खेत तक पानी पहुंचाने का काम करता है. नहर के बांधों की देखभाल, गेट ऑपरेटर द्वारा पानी की समुचित मात्रा में छोड़ना, गेज रीडर द्वारा पानी के नाप का भवदीय सुबह 7:00 बजे तक देना. हम सब 24 घंटे अपने कार्य में लगे रहते हैं किंतु करोना महामारी के काल में भी मौसमी कर्मचारियों को मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है. जिसके कारण भुखमरी की समस्या आन पड़ी है.
वित्तीय वर्ष 14-15 एवं 20-21 का खरीफ एवं रबी अवधि के काम का मजदूरी अब तक नहीं दिया गया है. जिससे मौसमी कर्मचारी आहत होकर आज अन्न जल त्याग कर रोड पर आ गए हैं. जबकि बिहार सरकार का दिशा निर्देश है कि प्रत्येक माह का मजदूरी भुगतान करें, परंतु कार्यालय एवं विभाग की उदासीनता के कारण न ही मास्टर रोल पर समय के साथ उपस्थिति बनाई जाती है और न भुगतान किया जाता है. कुसहा त्रासदी के बाद नहर बांध की पुनर्स्थापना के उपरांत पूर्व नियमित कर्मचारी रिटायर होने के बाद अब मौसमी कर्मचारी को उस स्थान पर प्रतिनियुक्त किया गया है.
आज के धरना कार्यक्रम में मुरलीगंज, बिहारीगंज, कोरियापट्टी, उदाकिशुनगंज के करीब 200 मौसमी कर्मचारी अपनी मांग रख रहे हैं. वहीं मजदूरों का कहना है कि सिंचाई सृजन जल संसाधन विभाग घोटाला का उद्योग बना हुआ है तथा मौसमी मजदूरों से काम लेने के बाद भी मजदूरी का भुगतान नहीं कर मजदूरी घोटाला का अड्डा बना हुआ है.
मौके पर मौसमी कर्मचारी की ओर से उपस्थित रोहित कुमार, चंदन कुमार, राजेंद्र पासवान, मोहम्मद सलाम, भूपेंद्र, नुनु लाल महतो, अनिल राम आदि मौजूद थे.
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