मालूम हो कि 2008 के प्रलयंकारी बाढ़ में चौसा प्रखंड मुख्यालय को आधा दर्जन से अधिक पंचायत व दर्जनों गाँव को जोड़ने वाली लाइफ लाइन कहे जाने वाली चौसा फुलौत मुख्य मार्ग अपने ही लाइफ के लिए लालायित है। चौसा फुलौत मुख्य मार्ग पर धनेशपुर और फरदा पारी के बीच इंजीनियर के गलती के वजह से दो किलामीटर सड़क जर्जर हालत में है जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करने पड़ता है.
बताया जाता है कि चौसा से धनेशपुर सड़क का बनने का कार्य 2019 में ही सम्पन्न हो गया लेकिन ये दो किलोमीटर सवेदक द्वारा छोड़ दिया गया ग्रामीणों द्वारा जब संवेदक से निर्माण कार्य छड़ने का सबब पूछा गया तो बताया कि मुझे यहीं तक का एस्टीमेट इंजीनियर के द्वारा दिया गया था जो मेरा पूरा हो गया। जिस के बाद आज तक लोग इस इस सड़क की जर्जर हालत को झेल रहे है। इस सड़क की टूटे हुए सड़क की टेंडर होने की बात कई बार ऊपर ऊपर सुनाई गई पर आज तक इस पर कोई अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है और इस सड़क पर आए दिन हादसे होते रहते हैं . गाड़ियां पलटती रहती है, लोगों की जानें जाती हैं और लोग घायल भी होते रहते हैं. और अधिकारी है कि अंजान बने हुए हैं।
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