कंपनी मुनी, विनोद मुनी, संजय मुनी, विजय मुनी ने कहा कि खेती के सहारे ही वे लोग सालों भर परिवारो का भरण-पोषण करते हुए बेटे-बेटी की शादी-ब्याह भी खेती पर ही आश्रित रहते थे। महेश्वर मुनी, हनुमान मुनी, प्रकाश मुनी, सुलेना देवी, कंचन देवी, ललिता देवी ने कहा कि घघड़ी नदी में लगातार हो रही कटाव के भय से उन लोगो को चिंता सताने लगी है। वहीँ इस कटाव के लिए सरकार द्वारा सही से निर्माण नही होने की बात कही गई।
नदी में कटाव को रोकथाम करने के लिए जिओ बैग में बालू की जगह मिट्टी डाली गई है। और अधिकांश बैग खुला ही डाला गया है। ग्रामीण ने बताया कि निर्माण कार्य में संवेदक द्वारा काफी अनियमितता बरती गई है। जिओ बैग में बालू की जगह मिट्टी डाल दी गई है और अधिकांश बैग बिना सिलाई के खुला ही डाल दिया गया है। निर्माण कार्य होते होते ही कितना बैग पानी में विलीन हो चुके हैं और कोसी नदी में पानी बढ़ते ही कांटो का दबदबा अधिक बढ़ जाता है। कटाव को रोकने के लिए करीब तीन सौ मीटर निर्माण कार्य किया गया। जबकि कटाव को पूर्ण रूप से रोकथाम करने के लिए निर्माण कार्य के दोनों तरफ तीन- तीन सौ मीटर निर्माण करने की जरूरत थी। जिससे नदी के कटाव में पूर्ण रूप से रोकथाम किया जा सकता था। हर वर्ष आधे अधूरे निर्माण कार्य की वजह से लाखों रुपए कोसी नदी में विलीन हो जाती है फिर भी कटाव रुकना संभव नहीं दिख रहा है।
पिछले तीन वर्षों में कोसी करीब 500 मीटर चौड़ाई उत्तर की दिशा में कटाव हुई। इसके के बावजूद जिस तरह से नदी में कटा हो रही है लगता है लोगों का घर जल्दी ही कोसी में विलीन हो जाएंगे।

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