वहीं बिहार सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठे हुए हैं. सरकार के नली गली योजना भी यहां टांय-टांय फिश साबित हो रहा है. बीमारों को अस्पताल लाने ले जाने या अन्य आकस्मिक स्थिति में भारी कठिनाई से गुजरना पड़ता है.
ग्रामीणों ने बताया कि अगले बरसात में भी यही स्थिति देखकर ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर लगभग 4 घंटे रोड जाम कर विरोध प्रदर्शन किया था. विरोध प्रदर्शन के दौरान जनप्रतिनिधि एवं प्रखंड स्तरीय अधिकारी के आश्वासन पर जाम हटाया गया था तो स्थानीय लोगों में इसके बनने की उम्मीद जगी थी जो अब धरासाई हो चुकी है. चर्चा थी कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत इसका निर्माण कराया जाना है लेकिन आज तक ना कोई अधिकारी और ना ही किसी राजनेता ने इस सड़क के निर्माण को लेकर कोई पहल की. फलस्वरुप प्रखंड क्षेत्र की बड़ी आबादी आवागमन की सुविधा से वंचित हैं. जहां स्थानीय लोग एवं राहगीरों को आने-जाने में परेशानी हो रही है, वहीं ग्रामीणों ने बताया कि अगर अबकी बार इसका समाधान नहीं हुआ तो हमलोग आंदोलन करने के लिए तैयार हैं.

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