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वहीं सूत्रों की माने तो प्रतिदिन दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सहित अन्य प्रदेशों से प्रतिदिन दर्जन से अधिक बस मजदूर को लेकर मधेपुरा, कुमारखंड, मुरलीगंज, बिहारीगंज, उदाकिशनगंज, आलमनगर पहुंच रहे हैं. आने वाले मजदूरों के मुंह पर मास्क तो दूर एक गमछा तक नहीं होता है. सामाजिक दूरी तो दूर बस में बस मालिक ठूंस-ठूंस कर मजदूर को ला रहे हैं, जबकि राज्य सरकार ने मास्क को अनिवार्य घोषित कर दिया है.
राज्य सरकार के आदेश के आलोक में जिला व पुलिस प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर चल रहे बस में यात्रा कर रहे यात्रियों पर अंकुश लगाने के लिए मास्क और सामाजिक दूरी की चेकिंग शुरू कर दी है लेकिन अन्य प्रदेश से आने वाले मजदूरों से जिला व पुलिस प्रशासन बेखवर है जो खतरे से खाली नहीं है. जिसका ताजा उदाहरण गम्हरिया में कोरोना पीड़ित दो लोगों की पहचान हुई, जिसके बाद प्रशासन ने आनन-फानन में गम्हरिया में क्वारंटाइन सेन्टर बनाया, साथ ही मास्क और समाजिक दूरी का अभियान शुरू किया.
सूत्रों की माने तो विभिन्न प्रदेशों से नित्य दिन आ रहे मजदूरों की सघन जांच की जरूरत है, अन्यथा यहां भी स्थिति भयावह होने से इंकार नहीं किया जा सकता है.

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