पिछले दो सौ वर्षों से अधिक समय से लगने वाले इस मेले का पहली बार उद्घाटन भी नहीं हो सका. हालांकि जिस कोरोना का हवाला देकर मेला उद्घाटन नहीं किया गया, वहीं रातों रात मेला का डाक लगा कर हर मेला दुकानदार के साथ-साथ जिला वासी को स्तब्ध कर दिया. वहीं बुधवार को दिन में एडीएम शिव कुमार शैव की अध्यक्षता में न्यास कार्यालय के बैठक दुकानदारों को आश्वासन दिया गया था कि मेला में किसी तरह का रेंट नही लिया जायेगा. इसलिए मेला का बंदोबस्ती भी नहीं हुआ. इन लोगों से मेला चलाने के लिए 10 लोगो का नाम मांगा गया था लेकिन प्रशासन ने आनन-फानन में देर शाम तक बीडरों को बुलाकर डाक कर दिया गया. वहाँ दुकानदार भी प्रशासन के इस मनमाने रवैये से छुब्द हैं और एक साल बैठकर खाने के बाद किसी तरह अपने आपको पुनः स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं.
इस बावत मेला में आए जादू दुकानदार राम प्रवेश यादव ने कहा कि पूरे एक साल के बाद इस मेला में एक बार फिर किस्मत आजमा रहे हैं. हम लोगों की कमाई मेला से ही होती है और पूरा साल अच्छा नहीं गया इस साल भी जिंदगी पटरी पर लौटती है या नहीं अभी पता नहीं है लेकिन हम लोगों की माली हालत और परेशानी को देखते हुए प्रशासन से उम्मीद करते हैं कि हम लोगों से रेंट माफ कर दे. वहीं होटल विकास के मालिक संजय कुमार ने बताया इस साल कैसा रहेगा अभी इसकी कोई गारंटी नहीं है. जिंदगी तो जीना ही है पूरे साल बैठकर खाए हैं तो परेशानी होगी ही हम लोग चाहते हैं कि मेला से हम लोगों की जिंदगी पटरी पर वापस आ सके. जिसमें अगर डीएम साहब से आग्रह है कि इस साल हमलोगों का रेंट माफ कर दे ताकि हम लोग अपनी रोजी-रोटी का समुचित जुगाड़ कर सके.
मेला दुकानदार जितेंद्र कुमार ने बताया पिछला साल तो बहुत बेकार रहा ऊपर वाले ऐसे दिन किसी को भी नहीं दिखाये. इस बार क्या होगा उसका भी भगवान ही मालिक है. अगले साल भी कोरोना के कारण मेला आधा ही लगा और रेंट पूरे माह का देना पड़ा था. इसलिए 1 साल से बैठे रहने के कारण डीएम साहब से आग्रह है कि इस साल हम लोगों का रेंट माफ कर दिया जाए.
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