जलसा कार्यक्रम में देश के अन्य राज्यों से इस्लाम धर्म के बड़े-बड़े विद्वान धर्मगुरु ने शिरकत किया. जलसा में शिरकत किए मुफ्ती कैयुम बिहार, मौलाना कफी अशरफ लखनऊ, मौलाना नौशाद नुरी यूपी देवबंद, चतुर्वेदी खालिद सेफुला कोलकाता ने शिरकत किया. कार्यक्रम का आगाज कुरान की तिलावत से किया गया. कुरान की तिलावत सुरीली आवाज में इस तरह लोगों के सामने पेश किए मजमा में मौजूद सभी के चेहरे पर खुशी का माहौल देखा गया. मुफ्ती अब्दुल कैयुम साहब ने जलसा में शिरकत किए आवाम (लोगों) को संबोधित करते हुए कहा कि इस्लाम धर्म अमन शांति का पैगाम देता है, सबसे बड़ा मालिक अल्लाह को समझता है पूरी जिंदगी उसी के मर्जी के मुताबिक गुजारने का पक्का इरादा रखता है.
उन्होंने कहा कि समाज में जब यह बुनियाद कमजोर पड़ने लगता है तो जलसा कॉन्फ्रेंस सेमिनार के माध्यम से जिंदगी जीने के तरीके को याद दिलाता है. इस्लाम धर्म बताता है कि एक दूसरे के साथ भाईचारगी की बर्ताव किया जाए, समाज को बुराई से पाक रखा जाय साथ ही नफरत को मुहब्बत के पैगाम से एक दूसरे धर्म वाले का इज्जत किया जाय. उन्होंने कहा कि आपसी भाईचारे का सुलूक रखा जाय, किसी प्रकार का भेदभाव नहीं हो यह इस्लाम धर्म सिखाता है.
आयोजन समिति के द्वारा गाइड लाइन, सुरक्षा का पालन करने के लिए दर्जनों कार्यकर्ता मुस्तैद दिखे. बाहर से आने-जाने वाले मेहमानों के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था कमेटी द्वारा किया गया है. सुरक्षा, मेडिकल टीम सहित अन्य सुविधा मुहैया कराया गया है. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बिशनपुर बाजार, टिकुलिया के समस्त ग्रामीण लगे हुए हैं. आयोजन समिति के सदस्य मोहम्मद खुर्शीद आलम, मोहम्मद नसीम आलम, मोहम्मद मुश्फिक आलम, आलमगीर हुसैन, फैयाज आलम, सदरे आलम, मुर्शीद आलम, महताब आलम, मुजाहिद आलम अन्य उपस्थित थे.
(रिपोर्ट: मीना कुमारी)
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