यात्रा में शामिल आइसा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष मोख्तार, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र-संघ के महासचिव सतीश चंद्र यादव, आइसा नेता मुकेश प्रभाकर ने संयुक्त तौर पर कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के समय छात्रों - नौजवानों से डरी हुई भाजपा - जदयू की एन डी ए ने ने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था। आज सरकार का तीन महीने होने जा रहा है लेकिन रोजगार के लिए नीतीश सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा रहा है. उल्टे रोजगार के जगह लोन देने की बात की जा रही है, आज बिहार में लगभग साढ़े चार लाख पद खाली हैं। बिहार में लाइब्रेरी, स्कूलों आदि की घोर कमी है। आज शिक्षा की स्थिति भी बद से बदतर हो गई है। स्कूलों, विश्वविद्यालय में शिक्षकों, प्रोफेसरों को पद खाली है। हमारी मांग है कि बिहार में सभी स्कूल, कॉलेजों, पुस्तकालयों, छात्रावास को तुरंत खोला जाए और जबरन ऑनलाइन शिक्षा को जबरन थोपना बन्द करे.
कहा कि साथ ही साथ निजीकरण को बढ़ावा देने वाली नई शिक्षा नीति 2020 वापस ले, सरकार तत्काल 19 लाख रोजगार की घोषणा करे. साथ ही इन नौकरियों के फॉर्म भी निःशुल्क हो, बिहार में रोजगार पैदा करने के लिए प्रयास किया जाए हम इस मुद्दे पर आगामी 1 मार्च को बिहार विधानसभा का घेराव कर रहे हैं और हजारों छात्र -नौजवान पटना की सड़क पर मार्च करेंगे।
सभा को इनोस के नेता विकी राम, संतोष सम्राट, मुकेश कुमार, अरविंद शर्मा, जितेंद चौधरी व माले जिला रामचंद्र दास ने भी संबोधित किया.
(नि. सं.)

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