राजद नेता चन्द्रहास चौपाल सिंहेश्वर विधान सभा से राजद से चुनाव लड़ने के भावी प्रत्याशी थे. शंकरपुर पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि लम्बे समय से फरार चल रहे चंद्रहास अपने समर्थकों के साथ मधेपुरा न्यायालय कुछ काम से जा रहे हैं. सूचना पर शंकरपुर थानाध्यक्ष श्रीकांत शर्मा ने इसकी जानकारी एसपी को दी. एसपी ने तत्काल सदर थानाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह को शंकरपुर पुलिस की मदद करने का आदेश दिया. सदर थानाध्यक्ष ने पुलिस बल के साथ न्यायालय के आसपास नाकेबंदी कर दी. इसी दौरान राजद नेता न्यायालय मे दस्तक देने पंहुचे कि उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया. नेता चुनाव को लेकर अपना चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने के लिए न्यायालय आ रहे थे.
शंकरपुर पुलिस ने बताया कि चन्द्रहास चौपाल पर शंकरपुर थाना में 21/16 दिनांक 1 मार्च 2016 में रायभीड़ के संजीव कुमार का अपहरण के मामले में नामजद अभियुक्त बनाया गया था.
घटना के बावत पुलिस ने बताया कि अपहृत संजीव और चन्द्रहास रायभीड़ का है. घटना के कारण के बावत पुलिस ने बताया कि चौपाल की पुत्री से संजीव को प्रेम था. संजीव के गायब होने से संजीव के परिजनों ने चौपाल पर अपहरण का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया था. संजीव का आज तक पता नहीं चल सका है. चौपाल संजीव के परिजन पर केस सुलह करने का दबाव डालते रहे हैं.
घटना के बाद से फरार चल रहा था. चार साल से अधिक समय तक पुलिस ने कई बार छापेमारी की लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली थी. आखिरकार गुरुवार को न्यायालय के समीप पुलिस के हत्थे चढ़ा.
वहीं गिरफ्तारी में सदर थानाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह, शंकरपुर के थानाध्यक्ष श्रीकांत शर्मा, स.अ.नि. उमा सिंह, अरूण कुमार सिंह, ह्रदय लाल राम सहित पुलिस बल और कमांडो दस्ता शामिल थे.
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