बताते चलें कि मधेपुरा जिले के चौसा प्रखंड अंतर्गत लौआलगान पश्चिमी पंचायत निवासी मंटू कुमार सिंह एक प्राइवेट बिजली कंपनी में कार्यरत थे जो कंपनी के द्वारा कार्य करने अफगानिस्तान भेजा गया था लेकिन संयोगवश 4 से 5 महीना बीता था कि एक दिन अचानक मंटू सिंह समेत सात भारतीय और एक अफगानिस्तान कर्मी को किसी आतंवादी संगठन के द्वारा अपहरण कर लिया गया था. जिससे पूरे परिवार में भय का माहौल व्याप्त हो गया था. जिसकी वापसी के लिए जिला से राज्य सरकार तथा भारत सरकार से परिवार के द्वारा गुहार लगाई गई. भगवान की प्रार्थना की जा रही थी. अफगानिस्तान का नाम सुनते ही रूह कांप गई, उसमें भी किसी आतंकवादी संगठन के द्वारा अपहरण कर लेना परेशानी की बात तो थी ही लेकिन जिस कंपनी में मंटू सिंह काम करते हैं उसके और भारत सरकार के अथक प्रयास तथा भगवान ने प्रार्थना स्वीकार किया तथा शुक्रवार की रात मंटू सिंह अपने घर वापस आ गए और वापस आते ही परिवार वालों ने मंदिरों में पूजा कर भगवान का शुक्रिया अदा किया.
मंटू सिंह के वापसी से गांव में भी खुशी का माहौल है और मिठाई बांटी गई. मंटू सिंह के परिवार में पत्नी टाइटल देवी पुत्र सूरज कुमार पुत्री सपना कुमारी भाई डोमन कुमार समेत पूरे परिवार में खुशी का माहौल है तथा मंटू सिंह से वार्तालाप में बताया कि वे कार्य करते हुए अपने रूम से कार्य स्थल जा रहे थे कि 10 किलोमीटर की दूरी पर अपहरण कर लिया गया था और कुछ दिन हम को डर लगा कि अब हम अपने घर नहीं जा सकेंगे और हमारे जान को खतरा है.
वहीं मंटू सिंह बताते हैं कि एक सप्ताह के बाद हमारा डर निकल गया क्योंकि उन्होंने पूरा यकीन दिलाया कि हम आप लोगों को कुछ नहीं कहेंगे और धीरे-धीरे हमारा डर भी खत्म हो गया. एक सवाल कि क्या आपको वहां पर प्रताड़ित भी किया जा रहा था के जवाब में उन्होंने कहा कि नहीं मुझे किसी भी तरह का दिक्कत या टॉर्चर या कोई तकलीफ वगैरह नहीं दी जा रही थी. समय पर खाना-पीना डॉक्टरी इलाज सभी कुछ मिल रहा था तथा बीते दिनों मुझे वहां से रिहा कर दिया गया और दिल्ली भेज दिया और मैं सकुशल अपने परिवार के साथ हूं और भगवान का शुक्रगुजार हूं.

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