 कोरोना के बढ़ते संक्रमण और चिकित्सकों की संवेदनहीनता के साथ ही सदर अस्पताल समेत पीएचसी-सीएचसी में स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित होने लगी है। सविंदा स्वास्थ्यर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल ने भी स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण और चिकित्सकों की संवेदनहीनता के साथ ही सदर अस्पताल समेत पीएचसी-सीएचसी में स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित होने लगी है। सविंदा स्वास्थ्यर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल ने भी स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है। वहीं कोरोना का खौफ चिकित्सकों पर भी देखने को मिल रहा है। सर्दी-खांसी के मरीज के अस्पताल में पहुंचते ही कई चिकित्सक तरह तरह के बहाने ढूंढ़ने लग रहे हैं। यह बात सभी जान रहे हैं कि अस्पतालों खासकर प्रखंडों के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की घोर कमी है। डेंटिस्ट, आयूष आदि डॉक्टर ही ओपीडी में सभी प्रकार के मरीजों को देखते हैं। मामला गंभीर होने के बाद उसे रेफर कर देते रहे हैं। लेकिन सिंहेश्वर सीएचसी में बुधवार को ओपीडी में ड्यूटीरत एक डेंटल चिकित्सक जो पहले ओपीडी में सभी प्रकार के मरीजों को देखती थीं, सिर्फ देर से आने का झेप मिटाने के लिए उन्होंने सर्दी के मरीज को देखने से साफ तौर पर मना कर दिया। उन्होंने अस्पताल से काटे जाने वाले मरीज के पुर्जा पर भी लिखकर दे दिया कि वह डेंटिस्ट हैं, ऐसे ही मरीजों को देखने के लिए रिस्पांसिबल है। इस कारण से अस्पताल में काफी देर तक मरीज के रूप में आए जदयू प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष दीपक कुमार और डॉ. रूपा व उनके पति के बीच हंगामा होते रहा। इस कारण से कई मरीज बिना इलाज कराए ही अस्पताल से वापस चले गए।
फोन कर बुलाने पर गुस्सा गए डॉक्टर के पति
जदयू के प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष दीपक यादव ने बताया कि उनका मन भारी लगा रहा था। हल्का सर्दी भी था। इस कारण से दिखाने के लिए सुबह 8 बजे न्यास समिति के सदस्य बबलू ऋषिदेव के साथ सीएचसी चले गए। वहां पुर्जा काटने वाला डाटा आपरेटर नहीं था। तो प्रभारी के कहने पर दूसरे कर्मी ने पुर्जा बना दिया। एक घंटा तक कोई डॉक्टर नहीं आए तो ओपीडी में लगी ड्यूटी के अनुसार डॉक्टर रूपा कुमारी को फोन किया। डॉ. रूपा ने सामान्य रूप से पहले कहा कि आ रहे है। उसके बाद मोबाइल उनके पति पंकज कुमार ने ले लिया और कहने लगे कि कैसे फोन किए, आपको कौन नंबर दिया और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। इसके बाद जब 9: 45 बजे वह अपने पति के साथ सीएचसी आई। आने के बाद डॉक्टर के पति ने जदयू नेता से कहा कि वह सर्दी-खांसी का इलाज नहीं करते हैं। इस पर जदयू नेता के साथ उपस्थित अन्य मरीजों ने भी पूछा कि आप कौन हैं, यह निर्णय मैडम को करने दिजिए। आप बाहर जाएं। इसके बाद डॉक्टर के पति कहने लगे कि वह मैडम की हिफाजत के लिए साथ रहते हैं, ताकि सीएचसी कर्मी या कोई अन्य उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं कर सके। फिर ओपीडी में बैठने पर चिकित्सक रूपा कुमारी ने जदयू नेता के पुर्जा पर लिख दिया कि दंत चिकित्सक होने के नाते वह दांत की परेशानी का ही इलाज करने को रिस्पांसिबल है। पूरे घटनाक्रम में सभी लोगों ने वीडियो भी बनाया।
आयूष चिकित्सक से दिखाने की दी सलाह
इस बाबत डॉ. रूपा कुमारी ने बताया कि सुबह में किसी का फोन आया कि वह एक घंटे से बैठा हुआ है। सर्दी-खांसी की दवा लेना है। इसपर उन्हें हमने कहा कि हम दंत चिकित्सक हैं, हम सिर्फ दांत का ही मरीज देखते हैं। दूसरे चिकित्सक से दिखवा लिजिए। दूसरे डाॅक्टर के बारे में पूछने पर उन्होंने डॉ. जयकृष्ण कुमार का नाम लिया। इस पर जब उनसे पूछा गया कि वह भी तो आयूष चिकित्सक हैं, तो आप उनके पास मरीज को कैसे भेज रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि हम नहीं भेज रहे हैं।
डॉक्टर के पति को ओपीडी आने से रोका जाएगा
सीएचसी प्रभारी सिंहेश्वर डा. आनंद भगत ने कहा व्यावहारिक रूप से चिकित्सक को ऐसा नहीं करना चाहिए। सर्दी-खांसी सामान्य बीमारी है। जब आयुष चिकित्सक मरीज को देख सकते हैं, तो डेंटल चिकित्सक भी देख सकतीं हैं। डॉक्टर को मरीज द्वारा सामान्य रूप से फोन किए जाने पर गुस्सा करने जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए। ओपीडी में पति के साथ बैठने के मामले की जानकारी नहीं है। ऐसी बात है तो उन्हें आगे से मना कर दिया जाएगा।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच चिकित्सक पर संवेदनहीनता का आरोप 
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