मधेपुरा में ऑल इंडिया स्टूडेन्ट यूनियन के द्वारा विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर गलवान घाटी में शहीद हुए देश के बीस जवानों को कैंडिल जलाकर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इससे पूर्व कार्यकर्ताओं ने चीन के रवैए के प्रति आक्रोश का इजहार किया.
राष्ट्रीय महासचिव ई. मुरारी कुमार ने कहा कि गलवान घाटी में सैनिकों को खोना बहुत ही दर्दनाक है. हमारे सैनिकों ने अपना फर्ज निभाते हुए देश के लिए जान दे दी. देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा.
केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि सीमा विवाद पर जल्द से जल्द कोई कड़ा निर्णय लेना चाहिए, नहीं तो इसी तरह से हमारे जवानों को नुकसान उठाते रहना होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चीन के सामने घुटने टेकने का काम किया है. इसी सरकार के प्रधानमंत्री जब विपक्ष में थे तो चीन को लाल आंख दिखाने की बात करते थे. 56 इंच छाती की बात करते थे लेकिन सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री ने चीन के नेतृत्व को झूला झूलाकर भारत की भावनाओं के विपरीत काम किया है.
आज जिस प्रकार चीन, नेपाल, भूटान एवं पाकिस्तान भारत को आंख दिखा रहा है. इससे साफ जाहिर होता है कि मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार विदेश नीति में पूर्ण रूप से विफल रही है. कहा कि शहीद सैनिक परिवारों के आश्रितों को केंद्र सरकार की सेवाओं में नौकरी दें. शहीद परिवारों को 1 करोड़ की आर्थिक मदद दी जाए.
वहीं श्रद्धांजलि सभा में विकाश कुमार उर्फ बिट्टू, विवेक कुमार, दर्शन कुमार, रंजीत कुमार, पुष्पक कुमार, गौरव कुमार, अमोद कुमार, रंजीत कुमार, बबलू कुमार, गुलशन कुमार, कृत्यविक, सान्वी राय, दिलखुश कुमार आदि दर्जनों छात्र नेताओं और बच्चे शामिल हुए.
राष्ट्रीय महासचिव ई. मुरारी कुमार ने कहा कि गलवान घाटी में सैनिकों को खोना बहुत ही दर्दनाक है. हमारे सैनिकों ने अपना फर्ज निभाते हुए देश के लिए जान दे दी. देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा.
केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि सीमा विवाद पर जल्द से जल्द कोई कड़ा निर्णय लेना चाहिए, नहीं तो इसी तरह से हमारे जवानों को नुकसान उठाते रहना होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चीन के सामने घुटने टेकने का काम किया है. इसी सरकार के प्रधानमंत्री जब विपक्ष में थे तो चीन को लाल आंख दिखाने की बात करते थे. 56 इंच छाती की बात करते थे लेकिन सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री ने चीन के नेतृत्व को झूला झूलाकर भारत की भावनाओं के विपरीत काम किया है.
आज जिस प्रकार चीन, नेपाल, भूटान एवं पाकिस्तान भारत को आंख दिखा रहा है. इससे साफ जाहिर होता है कि मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार विदेश नीति में पूर्ण रूप से विफल रही है. कहा कि शहीद सैनिक परिवारों के आश्रितों को केंद्र सरकार की सेवाओं में नौकरी दें. शहीद परिवारों को 1 करोड़ की आर्थिक मदद दी जाए.
वहीं श्रद्धांजलि सभा में विकाश कुमार उर्फ बिट्टू, विवेक कुमार, दर्शन कुमार, रंजीत कुमार, पुष्पक कुमार, गौरव कुमार, अमोद कुमार, रंजीत कुमार, बबलू कुमार, गुलशन कुमार, कृत्यविक, सान्वी राय, दिलखुश कुमार आदि दर्जनों छात्र नेताओं और बच्चे शामिल हुए.
'सैनिकों को खोना बहुत ही दर्दनाक है': भारत-चीन सीमा पर 20 जवान शहीद मामले में दी श्रद्धांजलि
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 19, 2020
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