ये अपने आप में अद्भुत निर्णय था और बिहार के आंकड़े तो उपलब्ध नहीं है पर मधेपुरा का पहला मामला है. मधेपुरा कोर्ट के एक एडीजे ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये ही जेल में नौ महीने से अधिक से बंद रितेश कुमार मंडल को अंतिम निर्णय सुनाते हुए रिहा करने का आदेश सुना दिया.
जाहिर है पत्नी को प्रताड़ित करने का झूठा आरोप झेल रहे रितेश कुमार मंडल के लिए कोरोना संकट के बीच ये बेहद सुखद खबर होगी. झूठा आरोप अब हम इसलिए कह सकते हैं कि न्यायालय ने आरोपी को निर्दोष पाकर रिहा करने का फैसला सुनाया है.
मामला जिले के मुरलीगंज थानाक्षेत्र के दिग्घी वार्ड नं. 4 से जुड़ा है जब पत्नी को प्रताड़ित करने के आरोप में 31 अगस्त 2019 को पुलिस ने 24 वर्षीय रितेश को गिरफ्तार कर लिया था. तब से वह जेल में ही था. पर इस बीच 'Justice delayed justice denied' की तर्ज पर कोर्ट की कार्यवाही तेजी से चली और आज अभियुक्त को जेल के वीडियो कॉन्फ्रेंस कक्ष में लाया गया जबकि इस तरफ न्यायाधीश कोर्ट के वीडियो कॉन्फ्रेंस कक्ष में थे. मधेपुरा कोर्ट के विद्वान् अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश VI, बृजेश कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ही रितेश को निर्दोष पाकर रिहा कर दिया गया.
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान जहाँ न्यायालय में तकनीकी सहायक ब्रजेश कुमार मौजूद थे वहीँ जेल में वीडियो कॉन्फ्रेंस के सञ्चालन में तकनीकी सहायक अर्जुन कुमार आदि उपस्थित थे.
जाहिर है, ऐसे फैसले जिले की न्याय-व्यवस्था में एक बेहद सार्थक और याद रखने लायक माना जाएगा.
(वि. सं.)
अद्भुत फैसला: वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये जेल में बंद कैदी को निर्णय सुनाकर किया रिहा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 10, 2020
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