मधेपुरा जिले के मुरलीगंज स्टेट हाईवे एनएच 107 मिड्ल स्कूल चौक पर राजस्थान से एक कंटेनर जिसका नंबर आर.जे. 32 जी.सी. 3093 कंटेनर ट्रकों में राजस्थान से पूर्णिया जा रहे ट्रकों को जब शक के आधार पर द्वारा रोककर खुलवाया गया तो उसमें 50 से अधिक मजदूर इस भरी गर्मी में कैद थे.
ड्राइवर से पूछने पर उसने बताया कि इन लोगों को राजस्थान से लेकर आ रहे हैं और पूर्णिया उन्हें जाना है. अधिक जानकारी मांगने पर उसने बताया कि मजदूरों द्वारा भाड़े में ट्रक लिया गया है.
वहीं मजदूरों से जब इस बावत भाड़े के विषय में जानकारी मांगी तो किसी ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. एक ने बताया कि जब ट्रेनों में जगह नहीं मिल रही थी और पैसे भी खत्म हो गए थे, खाने के लिए कुछ नहीं बचा था तो ऐसे में आने के लिए बचाए गए पैसे में से ट्रक भाड़ा करके इस कंटेनर में छुपकर आ रहे थे. वे लोग पूर्णिया जिला के विभिन्न गांव के हैं और संयुक्त रूप से भाड़ा इकट्ठा कर घर लौटे हैं.
कंटेनर ट्रकों को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसमें दैनिक जरूरतों का सामान लदा है. घर लौटने के लिए ऐसे खतरनाक तरीके का चुनाव करने को देखकर घोर आश्चर्य प्रतीत हुआ. ये सभी श्रमिक राजस्थान से पूर्णिया जा रहे थे और इन्हें रास्ते में कहीं भी किसी ने नहीं रोका. देशभर में कई जगहों से ऐसी खबरें आ रहीं हैं कि लॉकडाउन (बंदी) की घोषणा होने के बाद प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं.
कंटेनरों के अंदर उन्हें करीब 50 दिहाड़ी मजूदर मिले. उनमें से कुछ लोगों ने कहा कि वह अपने गृह जिला पूर्णिया जा रहे हैं लेकिन उन्हें परिवहन का कोई अन्य साधन नहीं मिला. ऐसे में राजस्थान और गुजरात के कोविड-19 रेड जोन से घर लौट रहे मजदूरों का न तो स्वास्थ्य परीक्षण हो पाएगा न ही उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा, ऐसे में कोरोना वायरस बढ़ता चला जाएगा.
ड्राइवर से पूछने पर उसने बताया कि इन लोगों को राजस्थान से लेकर आ रहे हैं और पूर्णिया उन्हें जाना है. अधिक जानकारी मांगने पर उसने बताया कि मजदूरों द्वारा भाड़े में ट्रक लिया गया है.
वहीं मजदूरों से जब इस बावत भाड़े के विषय में जानकारी मांगी तो किसी ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. एक ने बताया कि जब ट्रेनों में जगह नहीं मिल रही थी और पैसे भी खत्म हो गए थे, खाने के लिए कुछ नहीं बचा था तो ऐसे में आने के लिए बचाए गए पैसे में से ट्रक भाड़ा करके इस कंटेनर में छुपकर आ रहे थे. वे लोग पूर्णिया जिला के विभिन्न गांव के हैं और संयुक्त रूप से भाड़ा इकट्ठा कर घर लौटे हैं.
कंटेनर ट्रकों को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसमें दैनिक जरूरतों का सामान लदा है. घर लौटने के लिए ऐसे खतरनाक तरीके का चुनाव करने को देखकर घोर आश्चर्य प्रतीत हुआ. ये सभी श्रमिक राजस्थान से पूर्णिया जा रहे थे और इन्हें रास्ते में कहीं भी किसी ने नहीं रोका. देशभर में कई जगहों से ऐसी खबरें आ रहीं हैं कि लॉकडाउन (बंदी) की घोषणा होने के बाद प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं.
कंटेनरों के अंदर उन्हें करीब 50 दिहाड़ी मजूदर मिले. उनमें से कुछ लोगों ने कहा कि वह अपने गृह जिला पूर्णिया जा रहे हैं लेकिन उन्हें परिवहन का कोई अन्य साधन नहीं मिला. ऐसे में राजस्थान और गुजरात के कोविड-19 रेड जोन से घर लौट रहे मजदूरों का न तो स्वास्थ्य परीक्षण हो पाएगा न ही उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा, ऐसे में कोरोना वायरस बढ़ता चला जाएगा.
ट्रक के कंटेनर में ठूंसकर राजस्थान से ले जाए जा रहे थे 50 से अधिक प्रवासी मजदूर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 18, 2020
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