तीन दिन तीन रात बिना सोए लगातार पैदल चलकर तीन सौ किलोमीटर की दूरी तय कर दार्जिलिंग से मधेपुरा पहुंचे दो मजदूर

करीब तीन सौ किलोमीटर की दूरी तीन दिन और तीन रात लगातार चल कर सिलीगुड़ी के बागमती पेपर मिल में काम करने वाले मधेपुरा जिले के मानिकपुर निवासी दो मजदूर आज शाम 8:30 बजे मुरलीगंज बैंगा पुल के निकट पहुंचे. 

मधेपुरा टाइम्स के संवाददाता की नजर पड़ी तो उस लाल शर्ट और काले पेंट में पीछे कंधे पर बैग लिए चलते हुए राहगीर से पूछने पर बताया कि वे दोनों दार्जिलिंग पोस्ट कमला बागान अंबारी में पेपर मिल में काम करते थे, वहां पर लॉकडाउन के बाद जो पैसे थे वो खर्च होने के बाद भूखे मरने की नौबत आ गई थी. इसलिए बुधवार की अहले सुबह वे दोनों पैदल ही मधेपुरा के लिए निकल पड़े. पैसे तो खत्म हो गए, भूखे प्यासे ही 3 दिनों तक दिन-रात चलते हुए आज तीसरे दिन मुरलीगंज पहुंचे. वहां से यह मानिकपुर को जा रहे थे. 

कोरोना वायरस के भय से किसी ने सहायता नहीं की. वे पैदल चलते हुए इतने थक चुके थे कि उन से चला नहीं जा रहा था. कुछ देर सुस्ताते हुए फिर अपने सफर पर निकल गए क्योंकि मंजिल करीब थी. ऐसे में उन्हें हमारी तरफ से बिस्कुट और पीने के लिए पानी देने के बाद वे अपने घिसे हुए हवाई चप्पलों के सहारे छोटे-छोटे कदमों से मानिकपुर की ओर निकल पड़े.

तीन दिन तीन रात बिना सोए लगातार पैदल चलकर तीन सौ किलोमीटर की दूरी तय कर दार्जिलिंग से मधेपुरा पहुंचे दो मजदूर तीन दिन तीन रात बिना सोए लगातार पैदल चलकर तीन सौ किलोमीटर की दूरी तय कर दार्जिलिंग से मधेपुरा पहुंचे दो मजदूर Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 08, 2020 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.