रविवार की देर रात अचानक करीब 11:30 बजे आयी तेज आँधी,तूफान, वज्रपात संग पत्थर की बारिश ने मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड में मक्का किसानो को तो क्षति पहुंचाई ही वहीं तेज आंधी में कई के आशियाने भी उजड़ गये ।
जिस कारण प्रखंड के ऐसे पीड़ित किसानो को इस लाकडाउन के समय प्रकृति ने दोहरी मार का दंश दिया है।
रविवार की देर रात प्रखंड क्षेत्र में आए तेज आँधी व तूफान के कारण औराय गोठ, पूर्वी औराय, मरुआही, कडामा, डुमरैल, वासुदेवपुर सहित कई अन्य जगहो पर व नट बोल्ट पर कसे हुए कई घर पुरी तरह गिर गए तो कई घरो के चदरे 500 फीट दूर तक उड़ गए. हवा की गति इतनी तेज थी कि बड़े पीपल का वृक्ष औराय के चन्द्रकिशोर मंडल के घर पर गिर गया।वही पूर्वी औराय के ही हरदेव मंडल के दरवाजा के कमरे के उपर वाला चदरा पूरी तरह उड़ गया वहीं नजदीक खडी कार के आगे वाले शीशे पर जा गिरा। औराय के पैक्स गोदाम का चदरा भी उड़कर काफी दूर चला गया।
औराय के सुनील सिंह दिनेश सिंह राजेंद्र सिंह, दिलीप मिश्र, बलभद्र मिश्र, ज्योति मंडल, युगेश भगत, श्रीकांत भगत, डुमरैल के वीरेन्द्र ठाकुर, मरुआही के सिंघो शर्मा, बमबम शर्मा के घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।वहीं प्रखंड के सभी 9 पंचायतों के आम लोगों के लिए आफत की रात बनी रविवार की रात औराय गोठ निवासी चन्द्रशेखर शर्मा, अरूण चौधरी, मृत्युंजय चौधरी, विजय कुमार सिंह, जागेश्वर शर्मा, सिकन्दर शर्मा, संजय चौधरी, शंभू चौधरी, सुबोध कुमार सिंह, नितेश कुमार, शंभू शर्मा, अरुण यादव, बजरेन्द्र शर्मा, उमेश शर्मा, रघुवीर गोस्वामी, प्रमोद शर्मा, सुनील शर्मा, सदन गोस्वामी, हेमन्त चौधरी, मदन गोस्वामी, लालबहादुर शर्मा, संजीव शर्मा, रामदेव गोस्वामी, कडामा के रविन्द्र चौरसिया, अशोक चौरसिया, विकास झा के कई एकड मक्के की फसल को काफी क्षति हुई है, पीडित किसानों का कहना है कि हम लोगों को दोहरी मार पड़ रही है. एक लॉकडाउन जैसी स्थिति और ऊपर से मक्के की फसल को इतनी बड़ी क्षति होने से हम लोगों की कमर ही टूट गई है।
उनका कहना था कि हमलोग कोरोना के चलते कुछ कर नहीं पा रहें हैं और बची खुची मक्के की फसल की उम्मीद भी प्रकृति ने निगल ली। अब हमलोगों को सरकारी मदद पर उम्मीद है जिससे जीवनयापन भी चल सके।
जिस कारण प्रखंड के ऐसे पीड़ित किसानो को इस लाकडाउन के समय प्रकृति ने दोहरी मार का दंश दिया है।
रविवार की देर रात प्रखंड क्षेत्र में आए तेज आँधी व तूफान के कारण औराय गोठ, पूर्वी औराय, मरुआही, कडामा, डुमरैल, वासुदेवपुर सहित कई अन्य जगहो पर व नट बोल्ट पर कसे हुए कई घर पुरी तरह गिर गए तो कई घरो के चदरे 500 फीट दूर तक उड़ गए. हवा की गति इतनी तेज थी कि बड़े पीपल का वृक्ष औराय के चन्द्रकिशोर मंडल के घर पर गिर गया।वही पूर्वी औराय के ही हरदेव मंडल के दरवाजा के कमरे के उपर वाला चदरा पूरी तरह उड़ गया वहीं नजदीक खडी कार के आगे वाले शीशे पर जा गिरा। औराय के पैक्स गोदाम का चदरा भी उड़कर काफी दूर चला गया।
औराय के सुनील सिंह दिनेश सिंह राजेंद्र सिंह, दिलीप मिश्र, बलभद्र मिश्र, ज्योति मंडल, युगेश भगत, श्रीकांत भगत, डुमरैल के वीरेन्द्र ठाकुर, मरुआही के सिंघो शर्मा, बमबम शर्मा के घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।वहीं प्रखंड के सभी 9 पंचायतों के आम लोगों के लिए आफत की रात बनी रविवार की रात औराय गोठ निवासी चन्द्रशेखर शर्मा, अरूण चौधरी, मृत्युंजय चौधरी, विजय कुमार सिंह, जागेश्वर शर्मा, सिकन्दर शर्मा, संजय चौधरी, शंभू चौधरी, सुबोध कुमार सिंह, नितेश कुमार, शंभू शर्मा, अरुण यादव, बजरेन्द्र शर्मा, उमेश शर्मा, रघुवीर गोस्वामी, प्रमोद शर्मा, सुनील शर्मा, सदन गोस्वामी, हेमन्त चौधरी, मदन गोस्वामी, लालबहादुर शर्मा, संजीव शर्मा, रामदेव गोस्वामी, कडामा के रविन्द्र चौरसिया, अशोक चौरसिया, विकास झा के कई एकड मक्के की फसल को काफी क्षति हुई है, पीडित किसानों का कहना है कि हम लोगों को दोहरी मार पड़ रही है. एक लॉकडाउन जैसी स्थिति और ऊपर से मक्के की फसल को इतनी बड़ी क्षति होने से हम लोगों की कमर ही टूट गई है।
उनका कहना था कि हमलोग कोरोना के चलते कुछ कर नहीं पा रहें हैं और बची खुची मक्के की फसल की उम्मीद भी प्रकृति ने निगल ली। अब हमलोगों को सरकारी मदद पर उम्मीद है जिससे जीवनयापन भी चल सके।
तेज आंधी, तूफान व वज्रपात ने मचायी तबाही
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 21, 2020
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