‘दिल-ए-शायराना': युवा कवियों-लेखकों को नया प्लेटफॉर्म देने के लिए बेहतरीन कार्यक्रम का आगाज

मधेपुरा में आज मधेपुरा इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के द्वारा स्टार्टअप के तहत ऑनलाइन वीडियो चैनल की शुरूआत ‘दिल-ए-शायराना' कार्यक्रम के साथ की गई । 


जिला मुख्यालय स्थित समिधा ग़्रुप के चंद्रातारा मेमोरीयल हॉल में प्रोग्राम का उद्घाटन सीनेट सदस्य डॉ. जवाहर पासवान, प्रो0 विनय बिहारी, मधेपुरा इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य ए० के० अमर, मधेपुरा टाइम्स के सम्पादक राकेश सिंह, हिंदुस्तान अख़बार के चीफ़ सरोज कुमार,  मधेपुरा इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षक अजय गिरी, राजेश कुमार चौधरी, एम० के० मधु, रन्नु प्रसाद गुप्ता और सरोज देवी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया । 

अपने सम्बोधन में डॉ. जवाहर पासवान ने कहा कि बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। इस चैनल के ज़रिए ऐसे युवा कवि और कहानीकारों को अपनी बात कहने की प्लेटफॉर्म प्रदान की जाएगी जो अभी तक गुमनामी में हैं। इस मंच से आने वाले समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा। 

तुमने पूछा, इस तरह चुप रहना कौन सी परिस्थिति हैं? तो सुनो, चुप रहना, चीखने-चिल्लाने की चरम स्थिति है। राकेश सिंह की इन पंक्तियों ने और सरोज कुमार के कविता “डर और भय का व्यापार” कविता ने युवाओं को सोचने पर मजबूर किया। मधेपुरा के जाने-माने कवि प्रो. विनय चौधरी ने कई कविताओं का पाठ किया।

एक सैनिक की मौत और उसकी बेटी की शादी पर एक छोटी बहन के व्यक्त अहसास की प्रस्तुति करते हुए छात्रा मुस्कान ने पूरे हॉल को भावुक होने पर मजबूर कर दिया। नवोदित कवियों और कहानीकारों को मिले इस प्लेटफ़ोर्म से युवा उत्साहित नज़र आए। 

दीपक यादव, सन्नी, गरिमा उर्विशा, पल्लवी राय, सागर, भावना भारती, रितु प्रकाश वर्मा, कृष्ण कुमार सिंह, कृष्ण मोहन, विजय आर्य, वीजेंद्र कुमार सहित दर्जनो युवाओं ने अपनी रचना की प्रस्तुति की । 

‘दिल-ए-शायराना' के संस्थापक संजीत कुमार ने बतलाया कि सभी प्रतिभागियों की ऑनलाइन प्रस्तुति जल्द ही प्रसारित की जाएगी। प्रोग्राम समाप्ति के बाद सभी प्रतिभगियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। प्रोग्राम का मंच संचालन सन्नी कुमार ने किया। समिधा ग़्रुप के सचिव संदीप शांडिल्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मौक़े पर  इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र दयानंद कुमार मेहता, सुप्रिय परमार, सागर कुमार, कविता कुमारी, राकेश कुमार, अमरजीत, शिवम् सहित सैकड़ों छात्र मौजूद थे।
(नि. सं.)
‘दिल-ए-शायराना': युवा कवियों-लेखकों को नया प्लेटफॉर्म देने के लिए बेहतरीन कार्यक्रम का आगाज ‘दिल-ए-शायराना': युवा कवियों-लेखकों को नया प्लेटफॉर्म देने के लिए बेहतरीन कार्यक्रम का आगाज Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 16, 2020 Rating: 5

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