मधेपुरा शहर की एक बड़ी हस्ती हुआ करते थे सागर मल प्राणसुखका । आज उनके नाम में चार चांद लगाते हुए उनके वंशजों ने एक शानदार और आधुनिक सुख-सुविधा से लैश धर्मशाला बनवा कर शहर को एक बेशकीमती तोहफा दिया है।
सागर मल जी स्वंय दानी प्रवृति के थे । टी पी कालेज, गौशाला, सिंघेश्वर की गोचर भूमि जिसमें अभी ग्रिड स्थापित है, की भूमि में भी उनके दान का अंश रहा है। उनके पुत्र राम निरंजन राम प्राणसुखका और पौत्र सुरेश प्राणसुखका भी उनके नक्शे कदम पर चलते हुए कालेज चौक पर स्थित अपनी बेशकीमती दस कट्ठे भूमि पर करोड़ों की लागत लगा कर इस धर्मशाला को बतौर तोहफा पेश किया है। बीस से अधिक कमरे और बड़ा हॉल के साथ कुर्सियां और सोफा व टेबल से सुसज्जित इस सागर सेवा सदन के पास पार्किंग की भी सुविधा है।
उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित शहर के गणमान्य लोगों ने इसे शहर के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए इस दानी परिवार की भूरी भूरी प्रशंसा की। इसका उद्घाटन राम निरंजन राम और भागलपुर से आये सांवरमल राजोरिया ने किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक व मंत्री रहे राजेन्द्र प्रसाद यादव, प्राचार्य डॉ के पी यादव, डॉ परमानंद यादव आदि उपस्थित थे।
इसमें लखी प्रसाद प्राणसुखका, ई शिव प्रसाद टेकरीवाल, विजय टेकरीवाल, ई जयप्रकाश अग्रवाल, घनश्याम अग्रवाल, हरि प्रांसुखका, संतोष प्राणसुखका, प्रदीप प्राणसुखका, प्रमोद अग्रवाल, राजीव सर्राफ, बिनोद कुमार आदि ने बहु मूल्य सहयोग दिया ।
इस अवसर पर शहर के अधिकांश प्रबुद्धजन उपस्थित थे। मंच संचालन पृथ्वीराज यदुवंशी ने और धन्यवाद ज्ञापन प्रदीप प्राणसुखका ने किया ।
सागर मल जी स्वंय दानी प्रवृति के थे । टी पी कालेज, गौशाला, सिंघेश्वर की गोचर भूमि जिसमें अभी ग्रिड स्थापित है, की भूमि में भी उनके दान का अंश रहा है। उनके पुत्र राम निरंजन राम प्राणसुखका और पौत्र सुरेश प्राणसुखका भी उनके नक्शे कदम पर चलते हुए कालेज चौक पर स्थित अपनी बेशकीमती दस कट्ठे भूमि पर करोड़ों की लागत लगा कर इस धर्मशाला को बतौर तोहफा पेश किया है। बीस से अधिक कमरे और बड़ा हॉल के साथ कुर्सियां और सोफा व टेबल से सुसज्जित इस सागर सेवा सदन के पास पार्किंग की भी सुविधा है।
उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित शहर के गणमान्य लोगों ने इसे शहर के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए इस दानी परिवार की भूरी भूरी प्रशंसा की। इसका उद्घाटन राम निरंजन राम और भागलपुर से आये सांवरमल राजोरिया ने किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक व मंत्री रहे राजेन्द्र प्रसाद यादव, प्राचार्य डॉ के पी यादव, डॉ परमानंद यादव आदि उपस्थित थे।
इसमें लखी प्रसाद प्राणसुखका, ई शिव प्रसाद टेकरीवाल, विजय टेकरीवाल, ई जयप्रकाश अग्रवाल, घनश्याम अग्रवाल, हरि प्रांसुखका, संतोष प्राणसुखका, प्रदीप प्राणसुखका, प्रमोद अग्रवाल, राजीव सर्राफ, बिनोद कुमार आदि ने बहु मूल्य सहयोग दिया ।
इस अवसर पर शहर के अधिकांश प्रबुद्धजन उपस्थित थे। मंच संचालन पृथ्वीराज यदुवंशी ने और धन्यवाद ज्ञापन प्रदीप प्राणसुखका ने किया ।
बेशकीमती तोहफा: अपनी मिट्टी से जुड़ाव ऐसा कि बनवा दिया करोड़ों का धर्मशाला
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 30, 2019
Rating:
No comments: