असफलता को मान लें अपना गुरु तो होंगे सफलता के करीब

कहते हैं इस दुनियाँ में कुछ भी असंभव नहीं है. हम सब वो कर सकते हैं जो हमने अभी तक नहीं किया है और हम वो सब सोच सकते हैं, जो हमने अभी तक नहीं सोचा है. अर्थात सबकुछ हमारी सोच पर निर्भर करता है.


जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे पहले एक सकारात्मक सोच का होना सबसे जरुरी है. किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए चार चीजों का होना बेहद जरुरी है. वो चार चीजें हैं, एक लक्ष्य, कठिन परिश्रम, धैर्य और पूर्णतः समर्पण. यदि आपके पास ये चारों चीजें हों, तो आप निश्चित रूप से सफल होंगे. परन्तु इन चारों चीजों के अलावा भी एक ऐसी चीज़ है, जिसके बिना सफलता के द्वार तक पहुंचना असंभव है, और वो चीज़ है, स्वयं पर विश्वास. 

कई बार ऐसा लगेगा, मानो अब आप पूरी तरह हार चुके हों, सारे रास्ते बंद नज़र आयेंगे, मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ेगा, परन्तु यही वो समय होता है, जब आपके धैर्य की परीक्षा होती है. यदि उस वक़्त आप खुद पर विश्वास करते हुए सारी मुसीबतों का डट कर सामना करते हैं, और उनको पीछे छोड़ते हुए आप अपने लक्ष्य की प्राप्ति में लगे रहते हैं, फिर आपको विजेता बनने से कोई नहीं रोक सकता. दुनिया की कोई भी ताकत आपको आपका लक्ष्य प्राप्त करने से नहीं रोक सकती. 

मशहूर कवि दुष्यंत कुमार की वो पंक्तियाँ याद दिलाना चाहूँगी:

“कौन कहता है कि आसमान में सुराख़ नहीं होता,
  एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों.”

दोस्तों, जीवन में सफलता प्राप्त करना इतना आसान भी नहीं होता. इसके मार्ग में अनगिनत बाधाएं भी आ सकती हैं. हो सकता है कि आपको सफलता के बजाय असफलता ही मिले. यह भी हो सकता है कि आपको लगातार असफलता ही मिले, जिससे आप निराशा के दलदल में डूब जाएँ और फिर हो सकता है, कि आप हार मानकर प्रयत्न करना ही छोड़ दें. परन्तु एक बात हमें हमेशा याद रखनी चाहिए कि असफलता ही सफलता की पहली सीढ़ी होती है. असफलता ही हमें यह सिखाती है कि, हमने कहाँ-कहाँ गलतियाँ की. यदि असफलता को ही हम अपना गुरु मान लें और उससे सीख लेकर अगली बार वो गलतियाँ न दुहरायें तो निश्चित रूप से सफलता हमारा वरण करेगी.

प्रख्यात कवि सोहनलाल द्विवेदी की मशहूर कविता का एक छोटा सा अंश पेश करना चाहूँगी जिसपर अमल करके आप जीवन में निश्चित रूप से सफल हो सकते हैं. 

“असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो.
 क्या कमी रह गयी है देखो और सुधार करो.
 जब तक न सफल हो नींद चैन को त्यागो तुम 
 संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम
 कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती.
 कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.”

अपने सभी पाठकगण, जो जीवन में सफल होना चाहते हैं, उन्हें बस यही कहना चाहूँगी कि जीवन में चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों, हमें प्रयत्न करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए. पूरी मेहनत और लगन से किया गया काम कभी भी अधूरा नहीं रहता. सफलता उसी इंसान का वरण करती है जो किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानता और अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहता है.                         
 (प्रस्तुति: मधु कुमारी, वारिसलीगंज, नवादा)
असफलता को मान लें अपना गुरु तो होंगे सफलता के करीब असफलता को मान लें अपना गुरु तो होंगे सफलता के करीब Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 29, 2019 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.