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कोसी-सीमांचल और मिथिला की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत काफी समृद्ध रही है. यहाँ की लोक-संस्कृति, लोकोत्सव, लोकपर्व, लोकगीत, लोकनाट्य आदि के संरक्षण एवं संवर्धन की जरूरत है. यह बात प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली ने कही. वे 'प्रांगण रंगमंच' में प्रथम वार्षिक समारोह में बोल रहे थे. प्रतिकुलपति ने कहा कि मधेपुरा में प्रतिभाओं का खजाना है. खासकर संगीत एवं नाटक के क्षेत्र में इस क्षेत्र की उपलब्धियाँ काबिल-ए-तारीफ हैं. यहाँ के कलाकारों के समर्पण एवं निष्ठा की जितनी भी तारीफ की जाए, वह कम होगी. 'प्रांगण रंगमंच' के अध्यक्ष संजय कुमार परमार ने कहा कि कोसी-सीमांचल एवं मिथिलांचल की धरती कला-संस्कृति की दृष्टि से काफी उर्वर है. लेकिन दुख की बात है कि हमारी प्रतिभाओं को समुचित अवसर नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में लंबे समय से एक ऐसे मंच की जरूरत महसूस हो रही थी, जो इस क्षेत्र की प्रतिभाओं को उभरने का अवसर उपलब्ध कराए. इसी आवश्यकता के मद्देनजर 'प्रांगण रंगमंच' की स्थापना का निर्णय लिया. सिनेटर डाॅ. नरेश कुमार ने कहा कि कोसी की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय मंच देने का प्रयास सराहनीय है. जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डाॅ. अरुण कुमार ने कहा कि कोसी की संस्कृति काफी समृद्ध रही हैै. डाॅ. सिद्धेश्वर काश्यप ने कहा कि हाल के दिनों में इस क्षेत्र के युवाओं ने काफी उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं. पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर ने कहा कि हमें दूसरों का नकल नहीं करना चाहिए, बल्कि अपनी लोक कला एवं लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए. गरिमा उर्विशा ने मंच की एक वर्ष की उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया. हमारे रंगकर्मियों को 'युवा महोत्सव' एवं 'राजकीय गोपाष्टमी महोत्सव' में सम्मान प्राप्त हुआ. हमारे एक महत्वपूर्ण आयोजन 'एक शाम शहीदों के नाम' को जनता की भरपूर सराहना मिली। अप्रैल 2018 में 9 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।कला-संस्कृति से इतर मानवसेवा के क्षेत्र में पहलकदमी करते हुए हमारे साथियों ने सदर अस्पताल में सामूहिक रक्तदान भी किया. उसके बाद शहर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा एक से बढ़कर एक गीतों एवं नृत्यों की प्रस्तुति देकर मौजूद दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम के मध्य में समिधा ग्रुप के निदेशक संदीप शांडिल्य के द्वारा संस्था को एक वेबसाइट लाइफ टाइम मेंटेनेंस के साथ दिया गया. जिसका शुभारंभ अतिथियों के हाथों हुआ. साथ ही ऑनलाइन स्मारिका का भी विमोचन किया गया.
प्रांगण रंगमंच के लिज़ा मान्या, ऋषिका ने आरंभ है प्रचंड पर बेहतरीन नृत्य प्रस्तुति कर लोगों की वाहवाही लूटी. अनुप्रिया, लिसारानी, अंश, ब्रजेश ने देश भक्ति गीत पर समूह नृत्य प्रस्तुति देखकर दर्शकों की तालियां बटोरी. राहुल, मनीष, अनुराग, रौनक कुमारी ने भी नृत्य प्रस्तुति समा बांध दिया. शुभम कश्यप ने गिटार वादन की प्रस्तुति देकर माहौल को सांस्कृतिक कर दियाा. वहीं श्याम किशोर कामत लिखित एवं अमित आनंद द्वारा निर्देशित नाटक "भाईय भायरई" का मंचन किया गया. जिसमें आशीष कुमार सत्यार्थी, नीरज कुमार, मनोहर गुप्ता, अभिषेक शौर्य, विद्यांशु कुमार, सुनीत साना, अमित आनंद, अब्यम ओनू ने जीवंत अभिनय किया. जबकि प्रकाश परिकल्पना दिलखुश कुमार का था. उसके बाद गायकी केेे दौर में संगीत शिक्षिका शशि प्रभा जयसवाल ने सरस्वती वंदना गाकर भक्ति माहौल भक्तिमय कर दिया. दर्शक के मांगों पर एक से बढ़कर एक लोक गीतों की प्रस्तुति देती रही. उसके बाद छोटा मोहम्मद रफी केेेे नाम से प्रचलित श्रवन सम्राट ने लोकगीत एवंं कव्वालियों की देख कर लोगोंं को बांधे रखा और लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. शंकर कुमार ने मैथिली गीतों से मैथिली परंपरा की याद ताजा की. मुन्ना एवं अभिषेक कुमार ने भी अपनी सूफी आवाजों से माहौल को संगीतमय में कर दिया. विकास कुमार पलटू ने सूफी गीत गाकर नौजवानों के दिल में अपनी जगह बनाई. वहीं उभरते गायक सुुनीत साना ने सड़क सुरक्षा सप्ताह पर आधारित आशीष कुमार सत्यार्थी द्वारा लिखित गीत गाकर लोगों को सड़क पर गाड़ी चलाने समय किन किन नियमों का पालन करना चाहिए इससे अवगत करवाया. कार्यक्रम केेे अंत में स्मारिका का विमोचन संस्था के पदाधिकारियों एवंं सदस्यों के द्वारा किया गया. धन्यवाद ज्ञापन संस्था के उपाध्यक्ष राकेश कुमार डब्लू एवं कार्यकारी अध्यक्ष विनोद कुमार केसरी ने किया. कार्यक्रम संयोजक दिलखुश कुमार एवं सुनीत साना थे.
कार्यक्रम का मंच संचालन मानव सिंह ने किया. मौके पर मौजूद सुकेश राणा, चंदन कुमार, पृथ्वीराज यदुवंशी, मुरारी सिंह, विक्की विनायक, अक्षय कुमार, देशराज दीप, दिव्यांशु कश्यप, राजेश कुमार, शैैव्यम शशि, सोनी पुस्तक भंडार, मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा, यूरो किड्स प्ले स्कूल, वेदव्यास कॉलेज, किडजी प्ले स्कूल, साउथ प्वाइंट पब्लिक स्कूल, ब्राइट एंजेल्स स्कूल, जीनीयस टीचिंग प्वाइंट, किरण पब्लिक स्कूल, परफेक्ट कोचिंग चॉइस, मिथिला इंस्टीट्यूट, ऑटो जॉन, आरआर ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल स्कूल, मनीष कुमार मिंटू, डॉ कपिलदेव प्रसाद यादव, कुमार गौतम, डॉक्टर नरेश कुमार, डॉ शंकर कुमार मिश्रा, प्रशांत कुमार, डॉक्टर सिद्धेश्वर कश्यप, अभिषेक सोनी, साहिल कुमार, दिवाकर चौधरी, अभिषेक गुप्ता, धीरेंद्र कुमार निराला, चंदन कुमार ने सहयोग देकर कार्यक्रम को सफल बनाया.
प्रांगण रंगमंच के एक साल पूरे, धूमधाम से मनाया स्थापना दिवस
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 21, 2019
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