कोशी फिल्म फेस्टिवल: बिहार के सांस्कृतिक इतिहास में जुड़ा एक अविस्मरणीय स्वर्णिम अध्याय

विगत 10 व 11 नवम्बर का दिन न सिर्फ कोशी की कला और सांस्कृतिक विरासत को और अधिक समृद्ध बनाने की दिशा में अहम् रहा बल्कि सूबे में भी सहरसा में हुए 'कोशी फिल्म फेस्टिवल' कार्यक्रम चर्चा और प्रशंसा का विषय बना.



इस बार कोशी की चर्चा सिर्फ बाढ़, ख़राब सड़कें और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के लिए नहीं, चर्चा एक ऐसे उम्दा और अविस्मरणीय कार्यक्रम को लेकर थी, जिसमें देश भर के कई दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की. कोशी के मुख्यालय सहरसा के कला भवन में आयोजित इलाके के पहले फिल्म फेस्टिवल ने कई दिग्गज कलाकार, निर्माता और निर्देशकों की उपस्थिति और बेहतरीन फिल्मों के प्रदर्शन ने जहाँ लोगों को बेहद रोमांचित किया वहीँ इस क्षेत्र में भी बेहतर फिल्म निर्माण की संभावनाएँ दिखाई.

दो दिवसीय कोशी फिल्म फेस्टिवल और संवाद कार्यक्रम का उदघाटन सहरसा के उप विकास आयुक्त राजेश कुमार सिंह, अभिनेता पंकज झा, अभिनेता नवनीत झा तथा अन्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

मौके पर कला भवन में उपस्थित खचाखच भीड़ को संबोधित करते हुए जहाँ अधिकारियों ने इसे कोसी की सांस्कृतिक उपलब्धि में शुमार करते हुए आयोजन को मील का पत्थर कहा वहीँ अभिनेता पंकज झा ने इसे अविश्वसनीय बताते हुए कहा कि अब कोशी में सिर्फ रंगदारी और नेतागिरी की बात नहीं होती है, बल्कि सकारात्मक और रचनात्मकता इस क्षेत्र की पहचान बन रही है. उन्होंने आयोजन की सफलता को लेकर दुष्यंत की पंक्तियों से सराहा कि 'कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों'.

बेहतरीन फिल्मों ने दर्शकों का मन मोहा

दो दिवसीय इस कार्यक्रम में दर्जनों बेहतरीन छोटे परदे की फिल्मों का प्रदर्शन होता रहा और ये फ़िल्में दर्शकों की तालियाँ बटोरती रहीं. पंकज झा की फिल्म 'टेढ़ी लकीर' ने दर्शकों को बेहद भावुक कर दिया तो अनुज कुमार राय की मृत्यु भोज पर आधारित 'आत्मग्लानि' बेस्ट शॉर्ट हिन्दी फिल्म का अवार्ड जीता. आठ अलग केटेगरी में निर्माता-निर्देशक विकास झा की फिल्म 'कवि कल्पना' को बेस्ट मैथिली फिल्म का पुरस्कार मिला तो संदीप कुमार की 'महाकुम्भ' को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म, बेस्ट सिनेमेटोग्राफ का अवार्ड 'राजनगर बाइस्कोप' के लिए शंकर आनंद झा को, फिल्म 'नाइन' की रुचिन वीणा चैनपुरी को बेस्ट डायरेक्टर, फेरस के निर्माता अमृत सिन्हा को बेस्ट प्रोड्यूसर, 'तिरंगा' में शानदार अभिनय के लिए राहुल वर्मा को बेस्ट मेल एक्टर तथा 'फेरस' में बेहतरीन अभिनय के लिए मीरा सिंह को बेस्ट फीमेल ऐक्ट्रेस के सम्मान से नवाजा गया. महिलाओं की वर्तमान स्थिति पर दर्शकों को भावुक कर देने वाली फिल्म 'नई राह' के लिए प्रोड्यूसर दीपा कुमारी को भी ख़ास सम्मानित किया गया.

कई क्षेत्र के दिग्गजों से हुआ मंच सुशोभित 

दूसरे दिन ही संवाद कार्यक्रम में शिक्षा, साहित्य, कला, खेल, सोशल मीडिया समेत कई विषयों के जानकारों को मंच पर आमंत्रित किया गया जिन्होंने दर्शकों के सवालों के जवाब दिए. इनमें साहित्यकार मुक्तेश्वर सिंह, कला के क्षेत्र से प्रो० गौतम सिंह, शिक्षा के क्षेत्र से नारायण झा, रजनीश रंजन, खेल से मनीषा रंजन, सोशल मीडिया से मधेपुरा के राकेश सिंह आदि मौजूद थे. इससे पूर्व फिल्म पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में प्रदर्शित फिल्मों के निर्माता, निर्देशक और कलाकारों के अलावे कई दर्जन सीरियल्स के द्वारा अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके सुपौल के राम बहादुर रेणु ने भी मंच से इस आगाज को अभूतपूर्व बताया.

अन्य कलाकारों ने भी बनाया कार्यक्रम को यादगार 

इसके अलावे सहरसा की 'स्वरांजलि' के कलाकारों के नृत्य, कोलकाता के ड्रॉप बिट बैंड का डांस परफोर्मेंस, रोहिणी सिंह का नृत्य, सहरसा की गायिका श्यामा शैलजा, मधेपुरा के गायक विकास सिन्हा 'पलटू' समेत कई अन्य कोशी के कलाकारों की प्रस्तुति और जय चौहान के इवेंट मैनेजमेंट ने कार्यक्रम को भव्य बना दिया. सभी अतिथियों को चादर और पेंटर अर्चना मिश्रा के द्वारा मधुबनी पेंटिंग से निर्मित पाग से सम्मानित किया गया. समापन के दौरान विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि इस आयोजन से कोशी की प्रतिष्ठा बढ़ी है. मंच से कई मीडियाकर्मियों को भी सम्मानित किया गया.

सहरसा ग्रुप नाम की सोशल मीडिया ग्रुप के द्वारा आयोजित कार्यक्रम की इस अद्भुत सफलता के पीछे कुमार रविशंकर, आनंद झा, सुनील झा, शशि शेखर झा, एंकर शैली मिश्रा, मृत्युंजय तिवारी, मशहूर फोटोग्राफर विपिन सिंह, साकेत आनंद, जायसवाल, दीपक झा, ऋषि चौधरी, केशव, मयंक समेत कई दर्जन लोग शामिल थे. 

जाहिर है, महानगर और विदेशों की तर्ज पर कोशी में आयोजित पहली बार 'कोशी फिल्म फेस्टिवल' न सिर्फ एक इतिहास बना गया बल्कि अन्य लोगों को भी कला के क्षेत्र में और बेहतर करने का सन्देश दे गया.
(वि. सं.)
#KoshiFilmFestival
कोशी फिल्म फेस्टिवल: बिहार के सांस्कृतिक इतिहास में जुड़ा एक अविस्मरणीय स्वर्णिम अध्याय कोशी फिल्म फेस्टिवल: बिहार के सांस्कृतिक इतिहास में जुड़ा एक अविस्मरणीय स्वर्णिम अध्याय Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 14, 2018 Rating: 5

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