
मालूम हो कि 2 वर्ष पहले रूपम अपने ही गॉव में सिलाई कढ़ाई कर पांचवी कक्षा में पढ़ाई भी करती थी जो अब अंधी हो चुकी है.
वहीं जब बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को लेकर जिला संयोजक पुष्पलता सिंह ने जब अपने कार्यक्रम हेतु सत्तर कटैया प्रखंड के पुरीख गांव पहुंची, तो वहां के स्थानीय लोगों से पता चला कि प्रमोद शर्मा की बेटी दोनों आंखों की रोशनी पैसों के अभाव में गवां चुकी है, तो उनसे मिलकर रूपम की समस्या को प्रधानमंत्री को फैक्स के माध्यम से जानकारी दिया. साथ ही रूपम को लेकर जिला पदाधिकारी से मिलने पहुँची.
डीएम के निर्देश पर सदर अस्पताल में डॉ. एस. पी. विश्वास ने रूपम के आंखों की जांच कर बेहतर इलाज के लिए आईजीएमएस पटना रेफर किया. मौके पर सत्तर कटैया जिला परिषद प्रियंका आनंद और रूपम के माता-पिता आदि मौजूद थे.
(रिपोर्ट: सुमन सौरव)
खो चुकी आँखों की रौशनी, बढ़े मदद के हाथ
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 30, 2018
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