मधेपुरा जिले के पुलिस की कार्यशैली को लेकर आम चर्चा शुरू हो गयी है कि जिले की पुलिस आम और खास हो गयी है.
यहां हाई-प्रोफाइल लोगों के यहां कोई घटना हो तो उनके लिए पुलिस अलग काम करती है लेकिन वहीं आम लोगों के यहां घटना हो तो उसकी पुलिस सुधि तक लेना मुनासिब नहीं समझती है.
मालूम हो कि जिला मुख्यालय में घर में चोरी और बाइक चोरी की घटना थमने का नाम नहीं ले रहा है. पूर्व विधायक मनिंदर कुमार मंडल के घर चोरी और पूर्व विधायक परमेश्वरी प्रसाद निराला के रिश्तेदार के स्टाफ से 1.20 लाख की लूट की घटना को छोड़ दें तो एक भी चोरी की घटना में सदर थाना पुलिस ने चोर और चोरी गई समान तो दूर चोर का सुराग भी पता लगाने में पूरी तरह विफल रही है. इसी वात पर शहर के लोगों में चर्चा शुरू हो गयी है कि पुलिस के लिए आम लोगों के घरों में घटी घटना कोई मायने नहीं रखती, लेकिन हाई-प्रोफाइल लोगों के घर चोरी या लूट में पुलिस अपनी सारी ताकत झोंक देती है.
मालूम हो कि पूर्व विधायक के घर में हुई चोरी की घटना के बाद महज 6 घंटे में चोर के साथ चोरी गई लाखों रूपये के जेवरात बरामद कर लिया. इतना ही नहीं पूर्व विधायक के रिश्तेदार के स्टाफ से लूट की घटना में भी 72 घंटे के भीतर लुटेरे और लूट का 10 हजार रूपया भी बरामद कर पुलिस ने साबित कर दिया कि पुलिस आम नहीं खास के लिए है.
शहर में एक सप्ताह में घटित घर और बाइक चोरी की घटना पर नजर डालें तो पता चलता है कि पुलिस किसी भी मामले में अब तक कोई उद्भेदन नहीं किया है. शहर के वार्ड नं. 1,2 और 4 में 28 सितम्बर गुरूवार की रात और 29 सितम्बर शुक्रवार के दिन में दिन-दहाड़े चोरी की घटना में चोर ने लाखों के जेवरात सहित सामान ले गये. घटना से शहरवासी पूरी तरह खौफ में हैं. एक रात में तीन घरों में चोरी की घटना के 72 घंटे बीतने के बाद भी चोरी का उद्भेदन नहीं होने से लोग पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाना शुरू कर दिया कि पुलिस सिर्फ हाई-प्रोफाइल का काम करती है.
इस बात को लेकर पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों के बीच भारी आक्रोश है. उनका एसपी से सवाल है कि क्या बड़े और रसूखदार लोगों के यहां घटित घटना सिर्फ घटना होती है. बड़े लोगों के लिए क्या कोई अलग जांच एजेंसी काम करती है. बड़े घर में घटना की जांच बड़े अधिकारी का स्वयं करने का पुलिस मेनुअल है आदि-आदि.
यहां हाई-प्रोफाइल लोगों के यहां कोई घटना हो तो उनके लिए पुलिस अलग काम करती है लेकिन वहीं आम लोगों के यहां घटना हो तो उसकी पुलिस सुधि तक लेना मुनासिब नहीं समझती है.
मालूम हो कि जिला मुख्यालय में घर में चोरी और बाइक चोरी की घटना थमने का नाम नहीं ले रहा है. पूर्व विधायक मनिंदर कुमार मंडल के घर चोरी और पूर्व विधायक परमेश्वरी प्रसाद निराला के रिश्तेदार के स्टाफ से 1.20 लाख की लूट की घटना को छोड़ दें तो एक भी चोरी की घटना में सदर थाना पुलिस ने चोर और चोरी गई समान तो दूर चोर का सुराग भी पता लगाने में पूरी तरह विफल रही है. इसी वात पर शहर के लोगों में चर्चा शुरू हो गयी है कि पुलिस के लिए आम लोगों के घरों में घटी घटना कोई मायने नहीं रखती, लेकिन हाई-प्रोफाइल लोगों के घर चोरी या लूट में पुलिस अपनी सारी ताकत झोंक देती है.
मालूम हो कि पूर्व विधायक के घर में हुई चोरी की घटना के बाद महज 6 घंटे में चोर के साथ चोरी गई लाखों रूपये के जेवरात बरामद कर लिया. इतना ही नहीं पूर्व विधायक के रिश्तेदार के स्टाफ से लूट की घटना में भी 72 घंटे के भीतर लुटेरे और लूट का 10 हजार रूपया भी बरामद कर पुलिस ने साबित कर दिया कि पुलिस आम नहीं खास के लिए है.
शहर में एक सप्ताह में घटित घर और बाइक चोरी की घटना पर नजर डालें तो पता चलता है कि पुलिस किसी भी मामले में अब तक कोई उद्भेदन नहीं किया है. शहर के वार्ड नं. 1,2 और 4 में 28 सितम्बर गुरूवार की रात और 29 सितम्बर शुक्रवार के दिन में दिन-दहाड़े चोरी की घटना में चोर ने लाखों के जेवरात सहित सामान ले गये. घटना से शहरवासी पूरी तरह खौफ में हैं. एक रात में तीन घरों में चोरी की घटना के 72 घंटे बीतने के बाद भी चोरी का उद्भेदन नहीं होने से लोग पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाना शुरू कर दिया कि पुलिस सिर्फ हाई-प्रोफाइल का काम करती है.
इस बात को लेकर पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों के बीच भारी आक्रोश है. उनका एसपी से सवाल है कि क्या बड़े और रसूखदार लोगों के यहां घटित घटना सिर्फ घटना होती है. बड़े लोगों के लिए क्या कोई अलग जांच एजेंसी काम करती है. बड़े घर में घटना की जांच बड़े अधिकारी का स्वयं करने का पुलिस मेनुअल है आदि-आदि.
क्या पुलिस आम और खास के लिए अलग-अलग काम करती है ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 30, 2018
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