'बाबूजी धीरे चलना, मुश्किल है इन सड़कों से गुजरना': इलाके के लोग महसूस कर रहे हैं शर्मशार

बाबूजी धीरे चलना, मुश्किल है इन सड़कों से गुजरना. बदहाल उदाकिशुनगंज से भटगामा तक की सड़क बनी हादसों की डगर. जर्जर सड़क, लग रहा प्रतिदिन महाजाम.


बेशक प्रदेश सरकार बेहतर सड़कों सहित गांव-गांव तक सड़क पहुंचाने के दावे करते नहीं थकती. मगर अनुमंडल क्षेत्र की यह लाइफ-लाइन सड़क के मामले में ये दावे आज भी धूल फांकते हुए नजर आते हैं. 

उदाकिशुनगंज अनुमंडल के चौसा चौक से पुरैनी होते हुए भटगामा तक ये सड़क बेहद खस्ताहाल होने के साथ-साथ खतरनाक भी है. सड़क पर जगह-जगह बन चुके बड़े-बड़े गड्ढे हर पल मौत को दावत दे रही है. और यह सड़क, हादसों का डगर बन गया है.

पदाधिकारी गहरी नींद मे है, क्षेत्र के नेता बस वर्षों से आश्वासन की घुट्टी पिलाकर लोगों को झूठी आस में सड़क अब बन जाएगी तब बन जाएगी कहकर दिलासा दे रहे हैं.

क्षेत्र के लोग महसूस कर रहे हैं शर्मशार 

मिली जानकारी के अनुसार उक्त सड़क एस.एच. 58 के नाम से अब फाइलों में जानी जाती है. जबकी इसके इतर सड़क देखकर आप अगर इस क्षेत्र के वासी हैं तो खुद को शर्मसार महसूस करेंगे, क्योंकि सड़क के नाम बड़े है एसएच 58 लेकिन सड़क महज 8 फुटिया पगडंडी सी वो भी बदहाल जर्जर होकर अपनी बेबसी की आंसू रो रही है. स्थिति ऐसी है की एक दो दिन जमकर बारिश हो गयी तो आवागमन पूर्णतः ठप हो सकती है.
पिछले 5 से 6 सालों में यहां दर्जनों दुर्घटनाओं में बहुत से लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. मगर सड़क की हालत को नहीं सुधारा गया. सड़क की खराब हालत से लोगों को अपने वाहन चलाने में बहुत दिक्कत होती है, और हर पल सड़क पर सचेत होकर चलना पड़ता है. वहीं प्रतिदिन उक्त सड़क पर ट्रकों की लम्बी जाम लग रहती है. नो-इन्ट्री कुछ दिन के लिए लागू हुआ था लेकिन धीरे-धीरे वो भी ठंडे बस्ते में चला गया.

सफर वाहन चालकों के लिए साबित हो रहा है काल 

तीस-पैंतीस किलोमीटर का सफर वाहन चालकों के लिए काल साबित हो रहा है. पगडंडी सी महज 8 फुटिया सड़क पर प्रतिदिन हजारों ओवरलोड ट्रकों के आवागमन से जहां सड़क हल्की बारिश में ही गड्ढे मे तब्दील हो गयी है. वहीं इसके साथ सड़क पर घुमावदार मोड़ होने से वहाँ किसी प्रकार का साइन-बोर्ड नहीं होने की वजह से अनजान वाहन चालक भी दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. पी. डब्लू.डी. की अनदेखी का खामियाजा वाहन चालकों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है.

जनप्रतिनिधियों के झूठे वादों की खुली पोल
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अनुमंडल क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस सड़क के बारे में कई बार जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाया है. प्रतिनिधि ने सड़क बनने का आश्वासन भी दिया है. मगर जनता का कहना है कि जनप्रतिनिधियो ने झूठे वादे कर-कर के कई दशक बिता दिये हैं. अब देखना बाकी है कि इस बार भी सड़क का चौड़ीकरण होता है या फिर नहीं.
'बाबूजी धीरे चलना, मुश्किल है इन सड़कों से गुजरना': इलाके के लोग महसूस कर रहे हैं शर्मशार 'बाबूजी धीरे चलना, मुश्किल है इन सड़कों से गुजरना': इलाके के लोग महसूस कर रहे हैं शर्मशार Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 28, 2018 Rating: 5

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