मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत पड़वा नवटोल
पंचायत के उप मुखिया की हत्या में पुलिस ने आज अहले सुबह
सुराग को तलाशने के लिए डॉग स्क्वायड टीम सहरसा को बुलाकर गुत्थी सुलझाने में मदद
मांगी.
जिसमें डॉग स्क्वायड टीम के सदस्य राकेश कुमार और मुकेश कुमार ने
घटनास्थल
पर पहुंचकर कुत्ते द्वारा हत्या के सुराग और के निशानदेही के लिए प्रयास शुरु किया.
मौके पर मौजूद मुरलीगंज थाना अध्यक्ष बी डी पंडित एवं केस के अनुसंधानकर्ता पुलिस
पदाधिकारी रामचंद्र प्रसाद भी मौजूद थे. खोजी कुत्ता हत्या स्थल से घूमते हुए छड़ी
के रास्ते फिर एनएच 107 पर पहुंच गया जहां से कुत्ते ने अपनी खोजी अभियान पर विराम
लगा दिया. तब स्वांग दल के सदस्य ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां के बाद शायद
अपराधियों ने वाहनों का प्रयोग किया और भागने में सफल हुए. मुरलीगंज थाने में
प्राथमिकी दर्ज की गई । इस हत्याकांड को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है कांड संख्या
374
/ 17 जिसमें भारतीय दंड विधान 302
120बी 34 आईपीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है साथ ही इस कांड
में हरिजन एक्ट के तहत 3 (i)(x)
(p) भी लगाया गया है.

एक तरफ पुलिस प्रशासन हत्या की गुत्थी
सुलझाने के लिए प्रयास कर रही है और उस में आंशिक सफलता भी मिली है. कल मंगलवार
पुलिस ने हत्याकांड के उद्भेदन के लिए शक आधार पर अभिषेक कुमार उर्फ़ चेतन सिंह को
गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में मधेपुरा भेज दिया गया.
हत्याकांड पर से पर्दा उठाते हुए कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उप मुखिया संजय
दास की हत्या के पीछे एक लंबी कड़ी का खुलासा होना है,
जिस कारण संजय दास की निर्मम हत्या एक सुनियोजित ढंग से
किया गया है। मृतक के पिता उमेश दास के द्वारा दर्ज कराई प्राथमिकी में आरोप
गिरफ्तार चेतन सिंह के अलावे पंचायत के मुखिया पप्पू मंडल पर भी लगाया गया है.
आरोप यह है कि उपमुखिया संजय दास की हत्या मनरेगा योजना की राशि 9
लाख रूपये के कारण हुई। बताया जाता है कि संजय मनरेगा की योजना कार्य किया था।
जिसमें
प्रावधान है अनुसार मनरेगा योजना की राशि किसी ट्रेडर्स के खाते में ही भुगतान
की जाती है। इसी नियम के तहत राशि ट्रेडर्स के खातों में 9
लाख रुपये आई जिस पर संजय ने पैसे की डिमांड रख दी ट्रेडर्स के
प्रोप्राइटर माँ
अम्बे ट्रेडर्स नवटोल चौक के मालिक अभिषेक कुमार उर्फ चेतन सिंह के खाते में
मनरेगा योजना की राशि 9 लाख विभाग के द्वारा भुगतान की गयी। संजय के द्वारा जब योजना की राशि की मांग की गई तो चेतन के
द्वारा साफ इंकार कर दिया गया। करीब तीन माह पूर्व इस राशि को लेकर चेतन सिंह पर
संजय ने पंचायत बुलायी गयी थी। कुछ ग्रामीणों ने दबी जुबान
से नाम नही छापने के शर्त पर कह रहे है कि चेतन सिंह मुखिया का करीबी है जिस कारण
पंचायत में मामले की लीपा पोती कर दी गयी। स्थानीय लोगो की माने तो संजय हमेशा मुख्य सड़क से होकर घर
जाता था। पर हत्याकांड के दिन वह पगडंडी के सहारे अपने घर को तीन आदमी के साथ
मोटरसाइकिल से जा रहा था जिसमें मोटरसाइकिल पर बैठे चंदन दास और सिन्टु कुमार दास दोनों भागने में सफल रहे जबकि संजय की हत्या कर दी गई। प्राथमिकी में संदेही के रूप में चंदन
दास और सिन्टु कुमार दास का भी नाम दिया गया है. देखना बाकी है कि घटना की कौन
सी सच्चाई अंत में सामने आती है.
मनरेगा राशि की बंटवारे को लेकर के उप मुखिया संजय की कर दी गई हत्या !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 13, 2017
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