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मालूम हो कि चौसा
प्रखंड के 9 पंचायत बाढ़ की चपेट आने से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अभी सरकार
के तरफ से बाढ़ राहत शिविर चौसा के फुलौत, फुलौत सपनी मुसहरी, चिरौरी तथा मोरसंडा में चल रहा है । मोरसंडा से छिट फुट
शिकायत मिल रही है और सभी शिविर मिला जुला कर ठीक है।
जब मधेपुरा टाइम्स
की टीम ने लोगों से बात की कि बाढ़ का पानी तो अब घटने को है और अब स्थिति सामान्य होने को
है। तो बाढ़ पीड़ित लोगों ने कहा कि स्थिति सामान्य नहीं है ज्यो की त्यों है। हम
लोगों को तो शिविर में खाना मिल जाता है, लेकिन मवेशी के चारे की समस्या है और
यातायात बाधित है। लोगों ने कहा कि मवेशी
के चारे का इंतजाम सरकार ने नहीं किया है।
कुछ महिला से भी
हमने बात की, जो मवेशी के चारे की तलाश में 10 से 12 किलोमीटर दूर जाती हैं. पूछने
पर बताई कि पानी आने से आसपास घास नहीं मिलता है। मवेशी की जान बचाने के लिए हम
औरत जात को कोसों दूर घास लाने जाना पड़ता है।
अबतक जनजीवन अस्तव्यस्त: मवेशी के चारे के लिए महिलाओं को जाना होता है कोसों दूर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 29, 2017
Rating:
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