डॉ भीमराव अंबेडकर को अमेरिका ने सदी का सबसे विद्वान राजनेता वो सद्भावना दूत
माना गया और वे देश के पहले स्कॉलर थे जिन्होंने लन्दन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से
पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की।
इसके बावजूद ब्राह्मणवादी हिन्दू धर्म के छुआ-छूत तथा ऊंच-नीच से तंग आकर
उन्हें बौद्ध धर्म अपनाने को मजबूर होना पड़ा। उपरोक्त बातें गोशाला परिसर स्थित
श्रीकृष्ण मंदिर में आयोजित जन्माष्टमी मेला के मौके पर आयोजित भागवत कथा आयोजन के
मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पूर्व आपदा मंत्री प्रो० चंद्रशेखर ने कही।
कृष्ण
क्रांति संघ की ऒर से आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अजय प्रसाद ने कहा
कि श्रीकृष्ण ही एक ऐसे युग पुरुष हुए जो सोलहो कला से परिपूर्ण थे। और उनका
श्रीमद भागवत गीता आज के दौर में भी प्रासंगिक है। कार्यक्रम का सञ्चालन संघ के
संरक्षक परमेश्वरी प्रसाद यादव ने पूर्व मंत्री श्री चंद्रशेखर का स्वागत करते हुए
कहा कि अगर जीवन में एक बार भी लोग भागवत कथा का श्रवण करेगा तो उनमें बैतरणी पार
हो जाएगा। मौके पर पूर्व मंत्री का धन्यवाद ज्ञापन संघ के उपाध्यक्ष किशोर कुमार
ने किया।
मौके पर गोशाला के प्रबंधक राजेश्वर यादव के अलावे गुणेश्वर ठाकुर,
कृष्ण कुमार, पृथ्वीराज यदुवंशी सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु
उलस्थित हुए। इसके बाद पूर्व मंत्री ने मेला में लगे विदेशी झूला टोरा-टोरा,
ब्रेक डांस, टावर झूला, ड्रेगन झूला, 3डी खेल, नागिन, मीना बाजार आदि का निरीक्षण किया।
ब्राह्मणवादी हिन्दू धर्म के ऊंच-नीच से तंग आकर अम्बेदकर ने अपनाया था बौद्ध धर्म: पूर्व मंत्री
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 12, 2017
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