बाढ़ को लेकर
मधेपुरा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मधेपुरा सर्किट हाउस में प्रेस
कॉन्फ्रेंस किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक फरक्का की तरह
बाँध का निर्माण नहीं होगा तब तक बाढ़ बंद नहीं होगा.
जब तक फरक्का का
निर्माण नहीं होगा हम तब तक टैक्स नहीं
देंगे. हमारी अगली लड़ाई टैक्स हम नहीं देंगे. आज हम कलेक्टर को इसीलिए घेरा कि चाहे
हम रहें या न रहें आज अगर कोई भी मंत्री मिलते उसके खिलाफ आज हम महा संग्राम
छेड़ते. उन्हें आगे नहीं बढ़ने देते. आज के बाद जहां अभी कोई मंत्री मिलेगा उसके
खिलाफ सत्याग्रह जारी रहेगा. चाहे कोई मंत्री सर्किट हाउस में मिला तो जब तक ग़रीबों
की मौत का हिसाब नहीं लेंगे, तब तक उसे हम आगे नहीं बढ़ने देंगे. उन्होंने कहा कि हम जगह जगह घूम रहे हैं. ना तो कहीं मेडिकल
का कैम्प है ना कहीं शिविर लगा है. कहां चापाकल है? हम गाँव-गाँव घूम रहे हैं, कहीं
कुछ नहीं है.
5 दिन के बाद जब मुख्यमंत्री आते हैं हवाई सर्वे करने तो उन्हें
पता नहीं चलता है कि मौत का तांडव हो रहा है. हम संतुष्ट तब होंगे जब मंत्री को
फांसी हो. दोषी पदाधिकारी को फांसी हो या जनता के हवाले कर इनको पानी में फेंक
दिया जाए. तब संतुष्ट होंगे, इस खैरात से संतुष्ट नहीं होने वाले हैं. 70 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. नीतीश कुमार जी, हम 70 सालों के अंदर के हम सिंचाई मंत्री, चीफ इंजीनियर आदि की जांच
चाहते हैं, इन लोगों ने लूटा है.
उन्होंने रंज होकर
कहा कि अभी तक कोई राहत नहीं पहुंचा है और पिकनिक मनाने से काम नहीं चलेगा. अभी तक
कोई राहत नहीं पहुंचा है इसीलिए हम बत्तीस कैंप खोलने का निर्णय लिए हैं. हम चाहते
हैं कि किसी भी परिस्थिति में जांच के साथ-साथ 302 (हत्या) का मुकदमा अधिकारियों पर हो और सिंचाई मंत्री को
अविलम्ब जेल हो. हालात बहुत बदतर है, भयावह है. हेलीकॉप्टर से दौरा करने से उन्हें
पता नहीं चलेगा. सत्ता पक्ष मस्त है विपक्ष अपने बच्चों को बचाने में मस्त है. नीतीश कुमार के मंत्री अपना अभिनंदन कराने में
मस्त है और एक खलनायक नायक बने रहने के लिए अभिनंदन कराने में मस्त हैं. आते हैं
और शाम के 5:00 बजे
चल जाते हैं उन्हें पता नहीं मधेपुरा डूब रहा है.
‘बाढ़ के दोषी पदाधिकारियों को पानी में फेंक देना चाहिए’: पप्पू यादव
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 16, 2017
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